पांच राज्यों की टैक्स व्यवस्था का अध्ययन कर लौटे दल ने साझा किए विचार
संभागीय कार्यालय में ऑडिट रिव्यू मीटिंग
जयपुर। जयपुर के झालाना स्थित वाणिज्यिक कर विभाग के संभागीय कार्यालय में एक ऑडिट रिव्यू मीटिंग हुई जिसमें विभिन्न राज्यों में वाणिज्यिक कर व्यवस्था का अध्ययन कर लौटे अध्ययन दल ने अपनी रिपोर्ट पेश की और राजस्थान के संबंध में कर व्यवस्था को बेहतर ढंग से लागू करने, कर चोरी रोकने सहित कई तरह के सुझाव विभाग के अधिकारियों के समक्ष रखे। वाणिज्यिक कर विभाग राजस्थान के मुख्य आयुक्त श्री रवि कुमार सुरपुर ने बारी-बारी से सभी दलों की रिपोर्ट को माॅनिटर किया और मुख्य बिंदुओं को संबंधित अधिकारियों को अमल में लाने के लिए निर्देशित किया।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले राजस्थान से कुछ दल 5 राज्यों जीएसटी/टैक्स की व्यवस्था एवं बोगस ग्राहकों को रोकने एवं दंड़ित किए जाने सहित अन्य प्रक्रियाओं को नजदीक से समझने और अध्ययन करने के लिए गए थे। इन राज्यों में गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, बिहार और आंध्रप्रदेश शामिल हैं। इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान की कर व्यवस्था को पहले से बेहतर करना और तुलनात्मक रिव्यू करना था। अध्ययन कर लौटे सभी दलों ने बुधवार को झालाना स्थित विभाग परिसर में अन्य दल एवं पदाधिकारियों के समक्ष वीडियो स्लाइड के माध्यम से अपनी प्रजेंटेशन दी। इन सभी दलों ने उपस्थित जीएसटी अधिकारियों के सामने राजस्थान की तुलना में अन्य राज्यों की कर व्यवस्था में अंतर, किए जा सकने वाले सुधार, कर न देने या कर चोरी करने वाले मामले, कर व्यवस्था को बेहतर करने, कर चोरी को रोकने, दंड प्रावधान कड़े करने, माॅनिटरिंग एवं अन्य सुझावों के बारे में चर्चा की।
इस दौरान वहां उपस्थित अन्य उच्चाधिकारियों ने भी सभी दलों की बातों एवं सुझावों को गंभीरता से सुना और राजस्थान की कर व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अपनी बात रखी। इस मौके पर विभाग के मुख्य आयुक्त श्री रवि कुमार सुरपुर ने सभी दलों एवं अधिकारियों की बात सुनी और वाणिज्यिक कर विभाग राजस्थान के संबंध में किए जा सकने वाले सुधारों पर कार्य करने एवं अमल में लाने पर जोर दिया।
इस अवसर पर अतिरिक्त आयुक्त (VAT & IT) श्री अक्षय गोदारा, अतिरिक्त आयुक्त (BIU) श्री कुलदीप कुमार सिंह, अतिरिक्त आयुक्त (प्रवर्तन शाखा) श्री उत्सव कौशल सहित राज्यों की कर व्यवस्था कर अध्ययन कर लौटी टीम के प्रतिनिधि और जीएसटी से संबंधित पदाधिकारी एवं अधिकारी मौजूद रहे।