मानव अधिकार प्राप्त करना समझने की जरूरत है, संघर्ष की नहीं – राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन
- विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन के जिला अध्यक्ष ने गरीब बच्चों को दी मौखिक संस्कार की शिक्षा, खाने के पैकेट बांटे
NewsbreatheTeam. आज विश्व बाल श्रम निषेध दिवस है. आज के दिन यानी 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसको मनाए जाने का उद्देश्य यह है की बालपन में हृदय बहुत कोमल होता है! जो की शिक्षा संस्कार के लिए उत्तम है 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम ना कराकर उन्हें वोकेशनल शिक्षा दिलाने और सही उम्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए. इस मौके पर राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन जयपुर के अध्यक्ष सुरेश सिंह खानडी ने गरीब छोटे बच्चों को इकट्ठा कर उन्हें धरातल और मौखिक संस्कार की शिक्षा दी. इसके साथ ही उन्होंने बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की.
खानडी ने कहा कि कई बच्चे ऐसे है जो बहुत छोटी उम्र में अपना बचपन खो देते हैं. ऐसे में कमरे में बैठ कर प्लानिंग करना भी उतना जरूरी है, जितना उसका धरातल पर दिखाई देना. उन्होंने इस कार्य के लिए ओमप्रकाश अग्रवाल, महेंद्र, विष्णु, अमित, अशोक अग्रवाल का धन्यवाद देते हुए कहा कि इनके सहयोग से सेवा के कामों को बल मिलता है.
राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन समाज की बेहतरी और मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. मानव अधिकार और मानवाधिकार संगठन के बारे में भारत के प्रत्येक नागरिक की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए देश भर में सबसे बड़ी टीम बनाने के लिए उत्साही लोगों की एक टीम एक आदर्श वाक्य के साथ आई है और सामूहिक रूप से अन्य भावुक समान विचारधारा वाले व्यक्तियों को जोड़कर सभी को यह समझाने के लिए कि मानव अधिकार प्राप्त करना समझने की जरूरत है, संघर्ष की नहीं.