बड़े बेआबरू होकर हुए विश्वकप से भी बाहर! अनलकी रहे विराट कोहली

  • आईपीएल के शेर T20 विश्वकप में हुए ढेर, राहुल-रोहित की जोड़ी ने दिखाया फ्लॉप शो तो गेंदबाजों ने भी लुटिया डुबोई, विराट की कप्तानी में आईसीसी ट्रॉफी के लिए तरसे

NewsBreathe. भारतीय क्रिकेट टीम के लिए T20 विश्वकप का सफर अब खत्म हो गया है. उम्मीद केवल अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के मैच पर टिकी थी लेकिन न्यूजीलैंड ने जीत दर्ज कर इसे भी मिटा दिया. हार के साथ ही विराट कोहली की टी20 की कप्तानी और रवि शास्त्री की हेड कोच से भी विदाई हो गई। रोहित शर्मा को कप्तान और राहुल द्रविड़ को कोच नियुक्त किया गया है. विराट विश्व कप तक एक दिवसीय और टेस्ट की कप्तानी करते रहेंगे. मलाल ये रहा कि विराट और शास्त्री की जोड़ी एक भी आईसीसी की ट्रॉफी न जीत सकी. आखिरी उम्मीद टी20 विश्व कप से भी बाहर हो गई.

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बनने के बाद पिछले 4 साल में विराट कोहली एक भी आईसीसी की ट्रॉफी न दिला सके. T20 विश्वकप और 2023 में होने वाले विश्वकप के बाद कप्तानी छोड़ने की बात कोहली पहले ही कह चुके हैं. इसके बाद पूरे देश को उम्मीद थी कि अपनी कप्तानी के आखिरी दिनों में वे T20 विश्वकप भारत की झोली में डाल अपने चोकर होने का दाग भी मिटा देंगे लेकिन हाय री ये किस्मत, जीतना तो दूर, टीम सामने वाली टीम के सामने घुटने टेकते हुए बेआबरू हो गई.

कप्तान विराट कोहली के साथ इस विश्वकप में कुछ वैसा ही हुआ, ऐसा 2007 के विश्वकप में कप्तान राहुल द्रविड के साथ हुआ था. उस समय बीसीसीआई ने यंग टीम की जगह पर सितारों से सजी फौज उनके साथ भेजी थी जिसमें सचिन, सहवाग, गंभीर, धोनी जैसे सितारे थे लेकिन टीम बांग्लादेश से पहला ही मैच हार बैठी. अगर मैच बरमुडा से था जिसमें सभी ने जमकर गेंद को बाउंड्री के बाहर पहुंचाया लेकिन अंतिम लीग मैच श्रीलंका से हारकर विश्वकप से बाहर हो गई.

इस बार कप्तान विराट कोहली रवि शास्त्री के कहे अनुसार टीम चुनी गई. टीम में जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, रोहित शर्मा, अश्विन, जड़ेजा, हार्दिक पांड्या जैसे सितारे भरे. हार्दिक की फिटनेस और भुवनेश्वर के प्रदर्शन पर सवाल उठ रहे थे लेकिन फिर भी उन्हें टीम में रखा. उसके बाद जो हुआ, वो सभी जानते हैं. आईपीएल की रन मशीन केएल राहुल शुरुआती दो मैचों में 25 रन तक भी नहीं पहुंच सके. रोहित शर्मा और ईशान किशन का फ्लॉप शो जारी रहा. पहले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने 3 ओवर में तीन विकेट गंवाने के बाद 150 रन बनाए. वहीं न्यूजीलेंड के खिलाफ 110 रन बनाए. यही हाल गेंदबाजी में रहा. टीम 35 ओवर से ज्यादा गेंदबाजी करने के बाद केवल 2 विकेट ही ले पाई. ये दोनों विकेट दूसरे मैच में जसप्रीत बुमराह के खाते में गए.

ताज्जुब की बात है कि पिछले दोनों आईपीएल यूएई में हुए हैं. T20 विश्वकप भी यही हो रहा है लेकिन बीसीसीआई ने विश्वकप से पहले टीम को तैयारी करने की जगह आईपीएल में झोंक दिया. वहां से थकी हारी टीम को विश्वकप में भेज दिया. उसके बाद का जो हाल हुआ, वो सभी जानते हैं.

जब लोगों ने गुस्सा जताया तो प्लेयर्स की मन की बात भी जुबान पर आ गई. जसप्रीत बुमराह ने कहा कि पिछले 10 महीनों से लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं. हमें ब्रेक चाहिए. खैर, ये तो अलग बात है लेकिन ये भी तो समझ नहीं आ रहा कि जब हार्दिक और भुवेश्वर की फिटनेस ठीक नहीं थी तो उन्हें टीम में क्यों रखा गया. चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव की जगह मिस्ट्री बॉलर वरूण चक्रवर्ती और हाई विकेट टेकर युजवेंद्र चहल की जगह राहुल चाहर को मौका दिया गया जो दोनों मैंच में फेल रहे. पाकिस्तान के खिलाफ अश्विन को बाहर बिठाना अब तक समझ से परे है.

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यहां भारतीय टीम ने 29 साल से बना वो रिकॉर्ड भी मिट्टी में मिला दिया जिस पर हर भारतीय को गर्व होता था. अभी तक भारत किसी भी विश्वकप के किसी मैच में पाकिस्तान से हारा नहीं था लेकिन इस बार ये गूरूर भी चकनाचूर हो गया.

बीसीसीआई को खिलाड़ियों की थकान का पूरा अंदेशा था इसलिए उनमें थोड़ी बहुत जान फूंकने के लिए एमएस धोनी को मेंटोर बनाकर भेजा लेकिन उसका भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा. वैसे ये और कुछ नहीं बल्कि विराट कोहली और रवि शास्त्रीकी एक तरफा सोच का नतीजा है.

कुल मिलाकर विराट कोहली की कप्तानी पूरी तरह चोकर साबित हुई, इसमें कोई शक नहीं. आईपीएल में भी वे 8 साल रॉयल चेलेंजर बैंग्लोर के कप्तान रहे लेकिन टीम को टाइटल तक न दिला सके. पिछली 4 साल की कप्तानी में टीम किसी भी आईसीसी ट्रॉफी के लिए तरस गई. अब क्या कहें, बस ये ही कह सकते हैं ‘बड़े बेआबरू होकर विश्वकप से भी बाहर हो गए.’