5 राज्यों में विस चुनाव: सभी जगह कांग्रेस कमजोर, दिल्ली पॉलिसी पर होगा प्रचार
- बंगाल, तमिलनाडू, केरल, असम और पुद्दुचेरी में अगले महीने में होने हैं विधानसभा चुनाव, बंगाल में टीएमसी की बीजेपी से सीधी लड़ाई तो तमिलनाडू में कांग्रेस के साथ से मजबूत हुई द्रमुक
NewsBreatheTeam. बंगाल सहित चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा हो चुकी है. बंगाल, तमिलनाडू, केरल और असम राज्यों सहित केंद्र शासित प्रदेश पुद्दुचेरी में अगले दो महिनों में विस चुनाव होने हैं. यहां कुछ राज्यों में सत्ता बदलने की आशंका जताई जा रही है. बंगाल में टीएमसी, तमिलनाडू में अन्नाद्रमुक, केरल में एलडीएफ, असम में बीजेपी सरकार विराजमान है. पुद्दुचेरी में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन सरकार पिछले हफ्ते गिरी है. अब यहां उपराज्यपाल शासन है. केंद्र शासित सहित सभी पांच राज्यों में कांग्रेस कमजोर मानी जा रही है. पुद्दुचेरी में जिन हालातों में कांग्रेस गठबंधन सरकार गिरी, यहां आगामी विस चुनावों में भी स्थिति सुधरते हुए नहीं दिख रही. इसके बावजूद पार्टी अपनी दिल्ली पॉलिसी पर ही प्रचार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है.
दरअसल पुद्दुचेरी को छोड़ कांग्रेस कहीं भी सत्ताधारी पार्टी के आसपास तक नहीं दिख रह़ी. 2016 में 294 सीटों में से कांग्रेस केवल 44 पर जीत हासिल कर पाई थी. टीएमसी को 211 सीटों पर एक तरफा जीत मिली थी. तमिलनाडू में 8, केरल में 21 सीटों पर कांग्रेस सिमट गई. वहीं असम में सत्ताधारी बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस आधे तक भी नहीं पहुंच सकी.
अब बंगाल पर एक नजर डालें तो यहां कांग्रेस इस बार भी मुकाबले में कहीं नहीं है. सीधी लड़ाई ममता बनर्जी की टीएमसी और बीजेपी में है. बंगाल में 8 चरण में होने वाले चुनाव का फॉर्मुला बीजेपी के लिए फायदे का सौदा है लेकिन यहां अगर कांग्रेस किसी भी तरह से पिछले प्रदर्शन के आसपास भी दोहराने में कामयाब हो जाती है तो यहां ममता सरकार बनना निश्चित है. इसमें भी कोई शक नहीं कि बीजेपी का प्रदर्शन इस बार शानदार रहने वाला है. कांग्रेस का भी पूरा फोकस बंगाल पर ही है. यहां दिल्ली साइक्लोजी पर पार्टी का चुनाव प्रचार करना तय है.
पिछले साल हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी को काटने के लिए कांग्रेस ने दिखावे का इतना ही चुनाव प्रचार किया जिससे अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को फायदा हो. पार्टी का कमजोर होना आम आदमी पार्टी के लिए फायदे का सौदा साबित हुआ. नतीजा भी ऐसा ही आया, 70 में से आप के पास 62 और बीजेपी के हिस्से केवल 8 सीटें आई. कांग्रेस खाता खोले बिना रह गई. कुल मिलाकर ये साइक्लोजी जीतने के लिए बल्कि बीजेपी को हराने के लिए थी. अब यही प्रचार नीति बंगाल में बीजेपी के खिलाफ अपनाई जाएगी. यहां जीतने के लिए नहीं बल्कि टीएमसी को फायदा पहुंचाने के लिए चुनाव प्रचार किया जाएगा.
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बता दें, चुनाव प्रचार में कांग्रेस का एग्रेसिव नहीं होना टीएमसी के पक्ष में जा रहा है. बहुमत के लिए 148 सीटें चाहिए. कांग्रेस और वामदल एग्रेसिव प्रचार नहीं कर रहे क्योंकि अगर वे वोट बढ़ाते हें तो नुकसान ममता बनर्जी को होगा और अगर टीएमसी को नुकसान होता है तो फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को होगा जो कांग्रेस को कतई मंजूर नहीं.
तमिलनाडू में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही निचले पायदान पर है लेकिन बीजेपी का सत्ताधारी अन्नद्रमुक (AIADML) के साथ मिलकर चुनाव लड़ना तय है. यहां द्रमुक (DMK) विपक्ष में बहुत ज्यादा पीछे नहीं है. इसी बीच कांग्रेस ने द्रमुक का साथ देने का फैसला किया है जिससे द्रमुक भी मजबूत दिख रही है. अब दिक्कत ये है कि तमिलनाडू में कांग्रेस तीसरे नंबर की पार्टी है लेकिन विपक्ष के मुकाबले चौथाई सीटों पर जीत दर्ज कर पाई है. ऐसे में अगर गठबंधन में कांग्रेस जोर लगाती है तो ही बीजेपी को टक्कर देने में कामयाब हो पाएगी.
केरल में बीजेपी पहले ही कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा चुकी है लेकिन यहां का परिणाम काफी अजीबोगरीब रहा है. यहां 4 दशक से हर बार सरकार बदलती रही है. लेफ्ट की एलडीएफ सत्ता में है. कांग्रेस के नेतृत्व वाला एलडीएफ विपक्ष में है.
5 राज्यों में इन तारीखों पर होगा विधानसभा चुनाव
बंगाल (294) — 27 मार्च से 29 अप्रैल
पहला चरण (30) — 27 मार्च
दूसरा चरण (30) — 1 अप्रैल
तीसरा चरण (31) — 6 अप्रैल
चौथा चरण (44) — 10 अप्रैल
पांचवा चरण (45) — 17 अप्रैल
छठा चरण (43) — 22 अप्रैल
सातवां चरण (36) — 26 अप्रैल
आठवां चरण (35) — 29 अप्रैल
असम (126) — 27 मार्च से 6 अप्रैल
पहला चरण (47) — 27 मार्च
दूसरा चरण (39) — 1 अप्रैल
तीसरा चरण (40) — 6 अप्रैल
केरल (140), तमिलनाडू (234) और पुद्दुचेरी (33) में 6 अप्रैल को एक चरण में मतदान होगा. सभी राज्यों के नतीजे 2 मई को आएंगे.