गणतंत्र की जड़ों को सींचने का कार्य करती है पत्रकारिता, इसीलिए माना जाता है लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ: राज्यपाल

  • वरिष्ठतम पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन, पत्रकारिता को जीवंत आयाम देने वाले 5 वरिष्ठतम पत्रकारों को किया सम्मानित

जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मीडिया की जीवंतता को लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए उससे मिशनरी के रूप में कार्य करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि व्यवसायिकता के इस दौर में भी बहुत से पत्र-पत्रिकाएं और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनल स्वस्थ पत्रकारिता के मूल्यों की पालना कर रहे हैं, जो सराहनीय है।

महामहीम राज्यपाल रविवार को भारतीय विद्या भवन विद्याश्रम स्कूल के महाराणा प्रताप सभागार में जयपुर महानगर टाइम्स द्वारा आयोजित वरिष्ठतम पत्रकार सम्मान समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गणतंत्र की जड़ों को सींचने का कार्य पत्रकारिता करती है, इसीलिए विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बाद पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना गया है।

राज्यपाल महोदय ने कहा कि नागरिकों को संविधान प्रदत्त अधिकारों और कर्तव्य के लिए जागरूक करने और कानूनों की पालना करने वाले जिम्मेदार नागरिक तैयार करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। मीडिया की विश्वसनीयता और साख को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि वह सच के साथ रहते पारदर्शिता के साथ निष्पक्ष रिपोर्टिंग करे ।

महामहीम ने कहा कि स्वाधीनता आंदोलन में मीडिया के महत्वपूर्ण योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, अरविंद घोष, मदन मोहन मालवीय, गणेश शंकर विद्यार्थी, अजीमुल्ला खां ने देश की आजादी के लिए लोगों को आंदोलित करने का कार्य किया। उन्होंने समाचार पत्रों के जरिए अंग्रेजों के शासन की अराजकता को उजागर करते उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर किया। राज्यपाल ने कहा कि व्यावसायिक हितों के नाम पर प्रेस को जन भावनाओं को उद्वेलित करने वाले अथवा भ्रामक समाचार प्रकाशित और प्रसारित करने से बचना चाहिए ।

समारोह में राज्यपाल महोदय ने प्रवीणचंद छाबड़ा को महात्मा गांधी पत्रकारिता सम्मान, विजय भंडारी को लोकमान्य तिलक सम्मान, मिलापचंद डांडिया को गणेशशंकर विद्यार्थी सम्मान एवं सीताराम झालानी को मदनमोहन मालवीय सम्मान और एक- एक लाख रुपए राशि का चेक प्रदान कर सम्मानित किया।

स्व. श्याम आचार्य को प्रदत्त बाबूराव विष्णु पराड़कर पत्रकारिता सम्मान उनके परिजनों ने प्राप्त किया। स्व. आचार्य के पुत्र, पुत्री, ज्येष्ठ पुत्र की पुत्रवधू को एक- एक लाख रुपए राशि का चेक प्रदान किया गया। वरिष्ठ पत्रकार विजय भंडारी ने सम्मान स्वरूप मिली राशि जरूरतमंद व कोरोना पीड़ित रहे पत्रकारों और उनके परिजनों की सहायतार्थ देने की घोषणा की।

शिक्षा एवं कला-संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि सम्मानित होने वाले सभी वरिष्ठ पत्रकारों ने सक्रिय पत्रकारिता के अपने दौर में त्याग, समर्पण और ईमानदारी से अपनी कलम चलाई। इन्होंने लोकहित को सर्वोपरि रखते हुए स्वस्थ, निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता की मिसाल पेश की है ।

बीजेपी के जयपुर ग्रामीण सांसद तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि स्वतंत्रता के महत्व के प्रति नई पीढ़ी को जागरूक कर भविष्य का भारत तैयार करना सच्चे पत्रकार का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि समाचार और सूचना के तेजी से प्रसार के इस दौर में भी मुद्रित माध्यम की प्रामाणिकता और विश्वसनीयता बनी हुई है।

राजनेता और AICC सदस्य मोहन प्रकाश ने कहा कि राजस्थान की पत्रकारिता को दिशा देने का कार्य करने वाले वरिष्ठ पत्रकारों के योगदान को स्मरण करना और उनका सम्मान करना सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि संविधान और मानवता के मूल्यों को अक्षुण्ण रखने के लिए मीडिया को संकल्पित रहकर कार्य करना चाहिए।

कार्यक्रम के आरम्भ में राज्यपाल ने संविधान की उद्देश्यिका तथा मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया। समारोह में महानगर टाइम्स के संपादक गोपाल शर्मा, संपादकीय प्रभारी जिज्ञासु शर्मा एवं बड़ी संख्या में पत्रकार और गणमान्यजन उपस्थित रहे।

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