सचिन पायलट से आजकल पटने लगी है! पायलट के सवाल पर क्या बोल गए डोटासरा
पायलट के साथ साथ राजनीतिक नियुक्तियों पर भी बोले डोटासरा, भाजपा पर किया जमकर वार, उप चुनाव में जीत का किया दावा
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बारे में पूछे गए एक सवाल पर पत्रकारों ने जब शिक्षा मंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ऐसा जवाब दिया कि पत्रकार आगे कुछ पूछ ही नहीं सके. डोटासरा ने न केवल पायलट के बारे में जवाब दिया, साथ ही साथ संगठन में राजनीतिक नियुक्तियों के बारे में अहम खुलासा किया. डोटासरा बीकानेर दौरे के दौरान पत्रकारों से संवाद कर रहे थे. उन्होंने राजस्थान में होने वाले उपचुनावों में सभी चारों सीटे जीतने का दावा भी किया.
दरअसल डोटासरा से जब पूछा गया कि उनकी सचिन पायलट से आजकल पटने लगी है तो डोटासरा बोले कि सबसे पटती है. हम सब एक हैं. याद दिला दें कि एक चुनावी सभा से जयपुर लौटते हुए जब गजेंद्र सिंह शेखावत और सचिन पायलट आमने सामने हुए तो दोनों एक दूसरे के गले मिलते हुए देखे गए. इस मौके पर राज्य प्रभारी अजय माकन और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी थे. इस घटना ने दाल में कुछ काला जैसी स्थितियां पैदा कर दी है.
गोविंद डोटासरा ने राजनीतिक नियुक्तियों पर भी खुलासा करते हुए कहा कि संगठन में जल्द ही राजनीतिक नियुक्तियों का दौर चलेगा और संगठन स्तर पर भी विस्तार होगा. उन्होंने ये भी बताया कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति भी होगी, साथ ही साथ जो संगठन के लिए जितना काम करेगा, उसे उतना ही पुरस्कार भी मिलेगा.
डोटासरा ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि बीजेपी देशभर में डरा धमकाकर काम कर रही है. उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी को डराकर उसका नामांकन वापस करने के मुद्दे पर कहा कि उनके बेटे को मजबूर किया गया, जबकि संविधान के मुताबिक कोई भी चुनाव लड़ सकता है. एक व्यक्ति को चुनाव नहीं लड़ने दिया जा रहा है. एक पिता की कॉलर पकड़कर बेटा लेकर जा रहा है. उसे इतना मजबूर कर दिया कि तेरे पिता की कितनी भी बेइज्जती हो जाए, हमारी नहीं होनी चाहिए. डोटासरा ने दावा कि चारों सीटों पर कांग्रेस जीतकर आ रही है.
फोन टेपिंग पर एफआईआर दर्ज कराने पर भड़के डोटासरा, गजेंद्र सिंह पर किया हमला
इधर, राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने केंद्र सरकार पर भी जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि किसानों को समर्थन देने वाले सभी लोग मोदी सरकार के टारगेट पर हैं. अपने पूंजीपति मित्रों का इतना इनवेस्टमेंट हो गया है कि हिसाब पूरा करवाने के लिए सरकार को काम करना पड़ रहा है. उनको लाभ पहुंचाने के लिए सरकार साम दाम दंड भेद कुछ भी कर सकती है.