गठबंधन की चिंता छोड़ किसानों के पक्ष में दिखे हनुमान बेनीवाल, बजट भाषण का किया बहिष्कार

  • बजट को निराशाजनक बताया सांसद हनुमान बेनीवाल ने, किसानों के ऋण पर सब्सिडी और पीएम किसान सम्मान निधि योजना को घटाने पर जताया विरोध

NewsBreatheTeam. एनडीए से गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ संसद पहुंचे नागौर सांसद और रालोपा अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने एक बार फिर अपने तीखे तेवर केंद्र सरकार को दिखाए और गठबंधन की चिंता छोड़ किसानों के पक्ष में खड़े दिखाई दिए. इतना ही नहीं, बेनीवाल ने सदन में बजट भाषण का बहिष्कार करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने को लेकर तख्तियां लहराई. तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ रालोपा अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने सदन से वॉकआउट करते हुए सदन के अंदर और बाहर प्रदर्शन करके विरोध दर्ज कराया. बेनीवाल ने सदन वैल में आकर प्रदर्शन किया और वॉकआउट कर दिया.

सदन से बाहर आकर सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने सीधे तौर पर कहा कि कृषि कानूनों के अलावा उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से कोई बैर नहीं. बेनीवाल ने बजट (Union Budget 2021) को कृषि व अन्य क्षेत्रों के लिए बेहद निराशाजनक बताते हुए कहा कि रेलवे सहित अन्य केंद्र से जुड़ी परियोजनाओं एवं लंबित मामलों को लेकर राजस्थान को भी बजट से निराश होना पड़ा. उन्होंने बताया कि कृषि बजट को 1.54 लाख करोड़ से घटाकर 1.48 लाख करोड़ दिया गया है. पीएम किसान सम्मान निधि योजना से बजट को घटाकर 75 से 65 हजार करोड़ कर दिया गया. वहीं किसानों के ऋण पर सब्सिडी को घटाकर 21 से 19.5 हजार करोड़ कर दिया जो इंगित कर रहा है कि काले कृषि कानूनों को थोपने के बाद भी किसानों को किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई है.

बता दें, राजस्थान के लिए किसी बड़ी परियोजना का जिक्र इस बार बजट से नदारद रहा है. यहां तक की राजस्थान सरकार द्वारा सुझाए गए आठ सुझावों में से करीब करीब सभी बातों को अनसुना कर दिया गया. एक सुझाव को मानते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के उधार लेने की सीमा बढ़ाकर 70 हजार करोड़ रुपये कर दी है लेकिन इसका भार राज्यों पर ही आएगा. वहीं केंद्रीय करों में प्रदेश की हिस्सेदारी 5.97 फीसदी से बढ़काकर 6.03 फीसदी कर दिया गया, जिसके चलते राज्यों को केंद्र की ओर से मिलने वाले फंड में 14 हजार करोड़ रुपये की कटौती की जाएगी.

बजट पेश लेकिन आम आदमी का इससे क्या लेना-देना?

जल जीवन मिशन का बजट बढ़ा जरुर थोड़ी राहत प्रदेशवासियों को दी गई है. इस योजना के जरिए प्रदेश के 88 लाख 57 हजार परिवारों को घर तक पेयजल की आपूर्ति की जानी है. इस योजना ें 2024 तक हर घर नल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में इस योजना का प्रावधान 11 हजार करोड़ से बढ़ाकर 51 हजार करोड़ रुपये कर दिया है. राज्य सरकार की हिस्सेदारी 40 फीसदी की है.

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