सीएम गहलोत ने लगाया सरकार गिराने का आरोप तो पूनिया ने बता दिया टेप-रिकाॅर्डर

  • आशासहयोगिनों और किसानों को मुफ्त बिजली मुद्दे पर पूनिया ने सरकार को घेरा, इससे पहले सीएम गहलोत ने बीजेपी पर लगाया था मुस्लिमों को टिकट न देने का आरोप, केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर भी साधा था निशाना

NewsBreatheTeam. राजस्थान में कांग्रेस सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) द्वारा बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित चार नेताओं पर सरकार गिराने और मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट न देने के आरोपों पर अब सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने पलटवार किया है. पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत इतने परिपक्व राजनेता हैं, लेकिन कई बार अफसोस होता है कि इतने परिपक्व नेता टेप-रिकाॅर्डर की तरह निरन्तर आरोप लगाते रहते हैं, जिसका कोई आधार नहीं है.

सरकार गिराने के आरोपों पर पलटवार करते हुए सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में विग्रह है और इस कमजोरी को छुपाने के लिए सीएम गहलोत का भाजपा पर झूठे आरोप लगाना उनके लिए एक सहूलियत है. प्रदेश में आशासहयोगिनों और किसानों को मुफ्त बिजली के देने के मुद्दे पर भी गहलोत सरकार पर निशाना साधा.

सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इतने परिपक्व राजनेता हैं, लेकिन कई बार अफसोस होता है कि इन दिनों जिस मानसिक तरीके से वो विचलित हैं सरकार ठीक से चला नहीं पा रहे हैं, पार्टी में विग्रह है और इस कमजोरी को छुपाने के लिए भाजपा पर झूठे आरोप लगाना उनके लिए एक सहूलियत है, हम जैसे लोगों पर भी झूठे आरोप लगाना उनके लिए सहूलियत है.

पूनियां ने कहा कि अफसोस इस बात का है कि इतने परिपक्व नेता टेप-रिकाॅर्डर की तरह ये निरन्तर आरोप लगाते रहते हैं, जिसका कोई आधार नहीं है. इससे पहले सीएम गहलोत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि बीजेपी मुसलमानों को चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं देती, मगर उनका इस्तेमाल चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए करती है.

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सर्द रात में चल रहे आशा-सहयोगिनों के धरने पर सतीश पूनिया ने कहा कि उन्होंने आशासहयोगिनों की बात सरकार तक पहुंचाई है. एक तरफ सरकार बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन कोई काम नहीं कर रही है. हमारी मांग है कि गहलोत सरकार किसानों और आशा-सहयोगिनों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करें.

पूनिया ने आगे कहा, ‘राजस्थान के लगभग 20 जिलों के किसान पूरी रात बिजली का इंतजार करते हैं, दिन में भी बिजली मिलती नहीं है. कई जगह से ये सूचनायें आई की पूरी रातभर जीएसएस पर उन लोगों ने धरने दिये हैं और सरकार कहती है कि हमें अभी समय लगेगा, हम केवल 15 जिलों में ही दिन की बिजली दे पायेंगे. मुझे लगता है कि जब उनको किसानों से संवेदनाएं हैं, उनको आशा सहयोगिनीयों से कोई सहानुभूति है तो इस पर सरकार को जरूर विचार करना चाहिए.’

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के शताब्दी समारोह में अपना संबोधन दिया था. उनके संबोधन की आलोचना करते हुए सीएम गहलोत ने बीजेपी पर अल्पसंख्यक समुदाय को टिकट नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘मैंने देखा है कि प्रधानमंत्री ने एएमयू में कैसे मीठी-मीठी बातें कीं. उन्होंने धर्मनिरपेक्षता और कई और अच्छे मुद्दों पर बात की, मगर क्या वो इन सबके लिए प्रयासरत हैं?’.

सीएम गहलोत ने कहा कि क्या बीजेपी (BJP) मुसलमानों को टिकट देती है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में बहुत सीटें हैं, मगर बीजेपी फिर भी मुसलमानों को टिकट नहीं देती हैं’. गहलोत ने कहा कि सब हथियार उन्होंने अपना लिए. चाहे धर्मेंद्र प्रधान हो या चाहे जफर इस्लाम. एक नया जफर इस्लाम पैदा हुआ है. देश में चाहे मध्य प्रदेश की सरकार हो या राजस्थान की, बीजेपी एक भी मुसलमान को टिकट नहीं देती. उत्तर प्रदेश में 400 और बिहार में 250 के करीब टिकट दी जाती हैं, मगर BJP एक टिकट किसी मुसलमान को नहीं देती. बीजेपी मुसलमानों का इस्तेमाल सरकारें गिराने के लिए कर रही है. वह एक दिखावटी टिकट त‍क किसी मुसलमान को नहीं देती है.

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सीएम गहलोत ने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि भारत सरकार को समझना चाहिए कि किसान सर्दी में बैठे हैं, लेकिन उसे परवाह ही नहीं है, इतनी संवेदनहीनता नहीं होनी चाहिए. प्रतिष्ठा तो जनता की होती है, जनता की प्रतिष्ठा कायम रहेगी तो नेता की प्रतिष्ठा कायम रहेगी, सरकार की प्रतिष्ठा कायम रहेगी. आज जनता की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है.

मुख्यमंत्री गहलोत ने देश में चल रहे किसान आंदोलन (Farmer Protest) को जनता की प्रतिष्ठा का सवाल बताते हुए कहा कि किसान महीने भर से सड़क पर बैठे हैं लेकिन केंद्र की संवेदनहीन सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं. गहलोत ने कहा कि कभी मध्य प्रदेश तो कभी अन्य प्रदेशों के किसानों से अलग अलग बात करने की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के किसानों से बात करनी चाहिए.

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