राहुल द्रविड़ ऐसे ही नहीं बने ‘द वॉल’, जानिए उनके बारे में 10 खास बातें
January 11, 2019
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और संकटमोचन राहुल द्रविड का आज जन्मदिन हैै। आज राहुल पूरे 46 साल के हो गए हैं। क्रीज पर लंबा समय बिताने वाले राहुल द्रविड का नाम उन खतरनाक बल्लेबाजों के लिस्ट में शामिल है जिन्होंने विपक्षी टीम के गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसाया है। खासतौर पर तेज गेंदबाजों को उनका विकेट मिलना एक मुश्किल काम था। चूंकि आज खास दिन है, इसलिए आइए जानते हैं जन्मदिन के मौके पर द्रविड़ क्रिकेट करियर से जुड़ी 10 खास बातें…
- राहुल द्रविड़ को ‘मि.भरोसेमंद’ ‘मि.रिलायबल’ ‘द वॉल’ आदि नाम से जाना जाता है। राहुल का निक नेम जैमी है।
- द्रविड ने हॉकी और क्रिकेट एक साथ शुरु किया लेकिन उनका ध्यान हॉकी में ज्यादा रहा। वह सेंटर हाफ से खेला करते थे। एक दिन उनके कोच ने उन्हें सेंटर हाफ की जगह राइट हाफ से खेलने को कहा। उसी दिन से उन्होंने हॉकी को ‘ना’ और क्रिकेट को ‘हां’ कर दिया। सेंट जोसेफ कॉलेज ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से एमबीए करने के दौरान ही उनका सिलेक्शन नेशनल क्रिकेट टीम में हो गया था। वह एक स्टेट लेवल हॉकी प्लेयर भी रह चुके हैं।
- राहुल हमेशा अपने शांत स्वभाव की वजह से जाने जाते हैं। शायद वही एक इकलौते भारतीय क्रिकेटर हैं जिसका नाम कभी किसी विवाद से जुड़ा नहीं है। आज भी उन्हें प्राइवेट व्हीकल्स में सवारी करते हुए और प्लेन में इकॉनोमी क्लास में सफर करते आसानी से देखा जा सकता है। अपने बच्चों की स्कूल की फीस जमा कराते हुए सामान्य तौर पर लाइन में लगने का एक वीडियो काफी वायरल हुआ था।
- 11 जनवरी, 1973 को इंदौर में जन्मे राहुल द्रविड़ ने 12 वर्ष की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया। 3 अप्रैल, 1996 को श्रीलंका के खिलाफ सिंगर कप में डेब्यू करने वाला कर्नाटक के यह बल्लेबाज अपने पहले मैच में केवल 3 रन बना पाया।
- राहुल द्रविड़ के नाम टेस्ट क्रिकेट खेलने वाली सभी टीमों के खिलाफ शतक ठोकने का अनोखा रिकॉर्ड दर्ज है। उनके नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा साढ़े बारह घंटे की मैराथन पारी खेलने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। राहुल द्रविड़ ने 164 टेस्ट में 52.31 की औसत से 13288 रन बनाए, जिसमें 36 शतक और 63 अर्धशतक शामिल रहे। इसी तरह, 344 वन-डे मैचों में द्रविड़ ने 39.16 की औसत से 10889 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 83 अर्धशतक शामिल हैं।
- उन्होंने साल 2003 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में 233 रन और 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ रावलपिंडी में 270 रन की बेहतरीन पारी खेली। इन दोनों टेस्ट में टीम इंडिया को जीत दिलाने में द्रविड़ के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। राहुल द्रविड़ ने 2012 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी।
- द्रविड़ को स्लिप का बेहतरीन फिल्डरों में भी शुमार किया जाता था। उनके नाम 210 कैच पकड़ने का रिकॉर्ड है। यह सभी कैच उन्होंने एक विकेट कीपर के तौर पर नहीं बल्कि एक स्लिप फिल्डर के तौर पर लपके हैं।
- साल 2000 में विजडन क्रिकेटर्स ने उन्हें साल के टॉप 5 क्रिकेटर्स में शुमार किया था। 2004 में उन्होंने आईसीसी का बेस्ट टेस्ट क्रिकेटर का अवॉर्ड भी अपने नाम किया था। दिसंबर 2011 में वह पहले गैर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर बने, जिन्हें कैनबरा में ब्रैडमैन ओरेशन दिया गया था। राहुल द्रविड़ को अर्जुन अवार्ड, पद्म श्री और पद्म भूषण जैसे सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है।
- हाल ही में बैंगलोर विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टर्स की मानक उपाधि देने की घोषणा की थी लेकिन राहुल द्रविड ने सहसम्मान यह कहकर उपाधि लेने से इंकार कर दिया कि वह खेल के क्षेत्र में अनुसंधान कर मेहनत के दम पर यह डिग्री लेना पसंद करेंगे।
- राहुल द्रविड अपने प्रशंसकों को कभी निराश नहीं करते। हाल ही में अपने बिजी शेड्यूल में से उन्होंने एक कैंसर से ग्रसित अपने प्रशंसक से एक घंटे स्काइप पर बात की और उनसे व्यक्तिगत तौर पर न मिलने के लिए माफी भी मांगी।
- फिलहाल राहुल द्रविड जूनियर टीम के कोच हैं और भविष्य के स्टार तैयार कर रहे हैं। उनकी कोचिंग में अंडर 18 टीम इंडिया ने पृथ्वी शॉ की कप्तानी में साल 2017 का विश्वकप जीता है। टीम के अतिरिक्त स्टाफ को बराबर की इनामी राशि देने के लिए उन्होंने अपनी पुरस्कार राशि लेने से मना कर दिया था।