पुलवामा आतंकी हमले पर देश बोला-न भूलेंगे न भूलने देंगे अबकी बार बस बदला लेंगे
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सेना के जवानों पर हुए आतंकी हमले से देश का एक हर व्यक्ति आहत है। अब यह धर्म और जाति-बिरादरी की नहीं बल्कि देश की आन की बात है। पूरा देश गुस्से में है और हर तरफ जवानों की शहदत पर मोम के साथ आंसू भी पिघल रहे हैं। सेना की सीमाओं पर तैनात जवानों की शहादत पर जनता रो रही है। मषाल की लपटों के साथ आंखों से आंसू नहीं बल्कि दहकते हुए अंगारे बरस रहे हैं। शहीदों की चिताओं के साथ हर दिल में जज्बात भी जल रहे हैं कि देश का बच्चा-बच्चा सिर्फ यही कह रहा है ‘न भूलेंगे न माफ करेंगे बस बदला लेंगे।’हमें हमारे जवानों की शहादत पर गर्व है।
तिरंगे के स्वाभिमान की रक्षा में प्राण आहूति देने वाले इन शहीदों की शहादत के क्या मायने हैं, यह सवाल हर हिन्दूस्तानी के मन में है। अब देश के हर एक देशवासी की केवल एक ही इच्छा है-आतंकी का समूल नाष और पाकिस्तान आतंकियों का सरपरस्त है, वहीं इनके ठिकाने है। अब केवल एक ही इच्छा कि आतंकवाद पर अब आर-पार की लड़ाई। घुसो-मारो-बदला लो। इस बार सर्जिकल सट्राइक नहीं बल्कि 1971 की घटना को दोहराना होगा। पाकिस्तान पर ऐसा हमला कि उसकी रूह कांप उठे। ऐसा मंजर कि आतंकी गर्भ में ही दम तोड़ दे। ऐसा परिणाम कि या तो पाकिस्तान के 4 टुकड़े हों या पाकिस्तान दुनिया के नक्षे में ही न हो। आतंकियों के घर में घुसकर ऐसा प्रहार हो कि चारों खाने चित हो हमारा दुष्मन, सेना की ऐसी दहाड़ हो।
अब यह बात हिन्दू या मुस्लिम की नहीं बल्कि हिन्दोस्तान की आ गई है। देष में जवानों की दी जा रही शहादत में न कोई मुस्लिम है न कोई हिन्दू। यहां सब हिन्दोस्तानी हैं। चीफ काजी खालिद उस्मानी ने आतंकियों के घर में घुसकर बदला लेने की सरकार से गुहार लगाई है। वहीं जयपुर के जामा मस्जिद में काजी मुफ्ती अमजद ने भारतीय सेना को इतनी आजादी देने की मांग की कि संपूर्ण आतंक का सर्वनाष हो जाए।