एक तरफ प्यार और सौहार्द, दूसरी तरफ गोलियों की बौछार
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ की बस को आतंकियों ने उड़ाया, 44 जवान वीरगति को प्राप्त हुए, राजस्थान के 5 जवान शहीद
14 फरवरी यानि वेलेंटाइन का दिन। एक ओर जहां पूरी दुनिया में प्यार और सौहार्द की धार बरस रही थी वहीं भारत के जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में देश के जवानों के मांस के लोथड़े सड़कों पर दूर-दूर तक बिखरे पड़े थे। जिसमें भी यह मंजर देखा, उसकी रूह कांप गई। श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर लेथपोरा में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह से जुड़े एक फिदायीन आतंकी ने 350 किलो विस्फोटकों से भरी एसयूवी से सीआरपीएफ के काफिले से सामने से भिड़ा दिया जिसमें दो बसों में से एक के परखच्चे उड़ गए। आतंकी हमले में देश के 44 जवान शहीद हो गए जिनमें 5 राजस्थान के सपूत थे। 78 वाहनों के काफिले में सीआरपीएफ के 2547 जवान सवार थे। इसमें से ज्यादातर छुट्टी खत्म होने के बाद ड्यूटी पर लौट रहे थे। जिस बस से एसयूवी टकराई, उसमें 42 जवान थे जिनमें से एक भी नहीं बच सका। दूसरी बस में सवार 2 जवान शहीद हो गए और 92 से ज्यादा घायल हैं। कश्मीर में 30 साल के आतंकवाद में यह अब तक का सबसे बड़ा हमला है। धमाका इतना भयावह था कि 8 किलोमीटर तक धमाके की गूंज सुनाई दी और दो किमी. तक हाइवे के किनारे बनी दुकानों व घरों की कांच की खिड़कियां व दरवाजे टूट गए। धमाके के बाद सेना बस टुकड़े-टुकड़े हो गई जिसे एक जगह समेटा गया। सड़क पर जवानों के अंग बिखरे पड़े थे। सड़क के चारों तरफ मांस के लोथड़े जिसने भी देखे, मुंह से चीख निकाले बिना नहीं रह पाया। इस हमने की खबर जिसने भी सुनी, आंखों में आंसुओं का मंजर रखे बिना न रह सके। पिछले 9 सालों में सीआरपीएफ पर यह दूसरी सबसे बड़ा हमला है। इससे पहले 2010 में एक आतंकी हमले में देश के 76 जवान शहीद हुए थे। देष के 44 सपुतों की यह शहादत कभी न भुलाए जाने वाला एक ऐसा मंजर है जिसने देश के सीने पर एक ऐसा घाव दिया है जिसे बरदास्त नहीं किया जा सकता।