राजस्थान में फिर से शुरु होने वाला है ‘पटरी उखाडो’ आंदोलन
- अपनी ही पार्टी की सरकार को दिया 30 दिन का अल्टिमेटम तो गहलोत सरकार पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप, दी 15 दिन में मामला सुलझाने की चेतावनी, बड़ा आंदोलन करने की बात भी कही
NewsBreathe Team. राजस्थान में पटरी उखाड़ो आंदोलन फिर से शुरु होने वाला है. बात हो रही है गुर्जर आरक्षण जिसकी आग फिर से राजस्थान में सुलगने लगी है. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष और बीजेपी नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया है. समाज के नेताओं ने राज्य और केन्द्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुये मांगें पूरी किये जाने का अल्टीमेटम दिया है. अगर इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया गया तो गुर्जर एक बार फिर सड़कों पर उतरेंगे. गुर्जर समाज ने राज्य सरकार को 15 दिन और केंद्र सरकार को एक महीने का अल्टीमेटम दिया है. बैसला ने चेतावनी दी है कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो किरोड़ी बैसला के साथ आरक्षण की ये आग दिल्ली पहुंचेगी.
गुर्जर आरक्षण की राह में अटक रहे रोड़े दूर करने और राज्य सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कर्नल किरोडी सिंह बैंसला ने कहा कि गुर्जर आरक्षण का मसौदा अभी भी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है. राज्य सरकार ने गुर्जर समाज को 5 फीसदी आरक्षण का वायदा किया है लेकिन अभी तक केवल एक फीसदी आरक्षण ही मिला है. राज्य सरकार ने गुर्जर, रायका, रैबारी, बंजारा और गाड़िया लुहार आदि जातियों को पांच फीसदी आरक्षण दिया था. गुर्जर समाज राज्य सरकार द्वारा निकाली गई भर्तियों में एमबीसी समाज को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग कर रहा है. साथ ही कांग्रेस के पिछले कार्यकाल में चार प्रतिशत अतिरिक्त पद एमबीसी के लिए सुरक्षित रखे जाने की लड़ाई भी लड़ रहा है. इस मसलों को सुलझाने के लिए बैसला के नेतृत्व में गुर्जर समाज ने गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है.
वहीं किरोड़ी सिंह बैसला ने गुर्जर सहित पांच जातियों के आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में डलवाने की मांग को लेकर दिल्ली कूच की चेतावनी दी है. राजस्थान सरकार ने विधानसभा से एक प्रस्ताव पारित कर 22 फरवरी, 2019 को केंद्र सरकार को भेजा था जिसमें विशेष पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) में दिए गए इस आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराए जाने की मांग की गई थी. बैसला ने अपनी ही पार्टी ही केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते कहा कि गुर्जर आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाना था, लेकिन यह भी अभी तक नहीं किया जा सका है. इसके लिये उन्होंने केंद्र सरकार को 30 दिन का अल्टीमेटम दिया है. अगर मांगे नहीं मानी गई तो बैसला ने गुर्जर समाज के साथ दिल्ली कूच करने और बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
इस संबंध में बैसला ने करौली में बैठक कर गुर्जर समाज को आंदोलन शुरू होने पर एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया गया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकार के भेजे प्रस्ताव पर अब तक कोई निर्णय नहीं किया गया है. राज्य सरकार के साथ समझौता हुआ था कि सरकारी नौकरियों में चार प्रतिशत अतिरिक्त पद एसबीसी के लिए सुरक्षित रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व गुर्जर प्रतिनिधियों के बीच हुए समझौते के अनुसार, एसबीसी के लिए चार प्रतिशत पद और प्रक्रियाधीन भर्तियों के चार प्रतिशत अतिरिक्त पद स्वीकृत करने तथा वर्तमान में चल रही भर्तियों में चार प्रतिशत अतिरिक्त पद विभागवार छायापद स्वीकृत करने के आदेश के बाद भी कुछ भर्तियों को छोड़कर शेष भर्तियों में पूरा पांच प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा रहा है.
गुर्जर समाज ने कहा कि पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2018, रीट भर्ती 2018, पंचायती राज एलडीसी भर्ती 2013, टेक्निकल हेल्पर भर्ती 2018, नर्सिंग भर्ती 2013 और 2018, जेल प्रहरी भर्ती 2018, आशा सुपरवाइजर भर्ती 2016, कमर्शियल असिस्टेंट भर्ती 2018, द्वितिय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 व अन्य भर्तियों में पांच प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया गया हैं. अब अगर राज्य सरकार शीघ्र निर्णय नहीं लेती है तो गुर्जर समाज आंदोलन करेगा.