नेता मौत के सौदागर हैं, इनसे खुद बचें और परिवार के हर सदस्य की जान भी बचाएं..
कोरोना से बचाने को उठाएं सख्त कदम, दिल पर रखें पत्थर
NewsBreathe. चुनावी सभाओं में हर व्यक्ति संक्रमित होगा और परिवार के सदस्यों की भी जान लेगा। बड़े नेताओं के साथ आने वाला झुंड इस बार आमिक्रोन वैरिएंट लेकर आएगा।
…लिहाजा जो बेरोजगार लड़का रैली में जाए, उसे लौट कर घर न आने दें। उससे पार्टी में ही रोटी का जुगाड़ करने को कहें। अगर घर का कोई बुजुर्ग झंडा थामे सड़कों पर निकले, तो उन्हें बिस्तर से हरगिज दूर रखें और न्यूनतम दो रातें घर के बाहर झंडा बिछा कर सुलाएं।
…इतनी ठंड में घर छोड़ खुले मैदान में दिनभर बैठने गई महिला को रसोई में कतई न घुसने दें। उन्हें एक सप्ताह तक ठंडे पानी से नहलाएं। इससे कम में वायरस उनके शरीर से दूर न होगा।
…अगर कोई कर्मचारी आफिस गोल कर नेता का भाषण सुनने जाए तो उसका एक साल तक बहिष्कार करें, दफ्तर में उससे हमेशा दूरी बनाए रखें। और स्कूली बच्चों को बहला-फुसलाकर रैलियों की तरफ ले जाने वाले मास्टरों को झंडे का डंडा उतार कर लंबे रास्ते तक दौड़ाएं।
…रैली का प्रचार करने घरों में आने वाले लफंगे कार्यकर्ता को आप साक्षात कोरोना समझें, उसे इतनी दूर तक खदेड़ें कि वह नंगे पांव हो जाए और फिर दूसरे किसी घर जाने की हिम्मत न करे।
..नेता मौत के सौदागर हैं, इनसे खुद बचें और परिवार के हर सदस्य की जान भी बचाएं..
लेख़क – चंद्रशेखर जोशी