साल की दूसरी मल्टीमिलेनियर फिल्म बन गई है कंगना की ‘मणिकर्णिका’-फिल्म रिव्यू

फिल्मः मणिकर्णिका-द क्वीन ऑफ झांसी
स्टार कास्टः कंगना रनोट, अंकिता लोखंडे, अतुल कुलकर्णी, तीषान अयूब, डैनी, सुरेश ओबराॅय
डायरेक्टरः क्रिश/कंगना
प्रोड्यूसरःकायरोस-कंटेंट स्टूडियोज
म्यूजिकः शंकर-एहसान-लाॅय
समयः 148 मिनिट

दो साल बाद कंगना की स्क्रीन पर वापसी ठीक वैसी ही थी जैसी उनसे उम्मीद की जा रही थी। मणिकर्णिका-द क्वीन आॅफ झंासी एक हिस्ट्री ड्रामा पीरियड फिल्म है लेकिन इस फिल्म से कंगना ने फिर से एक बार साबित कर दिया कि अगर किरदार व एक्टिंग में दम हो तो फिल्म हिट कराने के लिए किसी बड़े सितारे की जरूरत नहीं पडेगी। 18वीं शताब्दी में ब्रिटिष हुकूमत के खिलाफ लोहा लेने वाली वीरांग्ना लक्ष्मीबाई का किरदार धरे कंगना रनोट की यह फिल्म साल की दूसरी 100 करोड़ी फिल्म बन सकती है। पिछले 8 दिनों के कलेक्षन में फिल्म ने कुल 75 करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार किया है। 30 करोड़ के राइट अलग से हैं। ऐसे में फिल्म अभी तक ओवरसीज़ 105 करोड़ रुपए का कारोबार पहले से ही कर चुकी है।

टीवी एक्टर अंकिता लोखंडे ने झलकारी बाई का रोल प्ले किया है जो छाप छोड़ता है। फिल्म में सदाषिव राव के रोल में जीषान अयूब, गौस खान का डैनी, तात्या टोप का अतुल कुलकर्णी ने निभाया है। फिल्म का पहला हाफ स्लो है लेकिन जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ती है, दर्षक सीट से बंधे दिखाई पड़ते हैं। फिल्म में आईटम नंबर टाइप का गाना है जिसकी जरूरत नहीं थी। बाकी गाने फिल्म पर फिट बैठते हैं।

बात करें कंगना की तो फिल्म का पूरा फोकस कंगना पर रखा गया है। वह लक्ष्मीबाई के किरदार में एकदम फिट बैठी हैं और किरदार में डूबी नजर आती हैं। एक्षन, इमोषन और अभिनय कमाल का है। 18वीं सदी के हिसाब से कहानी का चित्रण बढ़िया है। प्रसून जोषी के डाॅयलाॅग देषभक्ति से भरपूर हैं। युद्ध के दृष्य और मणिकर्णिका की तलवारबाजी और युद्धकला से दिखता है कि कंगना ने इसपर काफी मेहनत की है। इस फिल्म के जरिए कंगना ने डायरेक्षन में भी कदम रखा है। यहां एक बात का जिक्र करना जरूरी है। चूंकि यह पीरियड फिल्म है तो पदमावत से तुलना की जा सकती है लेकिन मणिकर्णिका उससे दो कदम आगे ही है। अगर आप हिस्टाॅरिकल फिल्मों के शौकीन हैं तो इस फिल्म को जरूर देखें।

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