जम्मू-कश्मीर चुनाव: उमर दो सीटों से मैदान में, वैष्णो देवी सीट फंसी
जम्मू-कश्मीर चुनाव के दूसरे चरण में 6 जिलों की 26 विधानसभा सीटों पर चुनावी जंग, 239 प्रत्याशियों का भाग्य होगा EVM में कैद, कई दिग्गजों की साख दांव पर
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 6 जिलों की 26 विधानसभा सीटों पर वोटिंग के लिए लाइनें लगी हुईं है। चुनाव आयोग के मुताबिक, दूसरे फेज में 239 कैंडिडेट्स मैदान में हैं। इनमें 233 पुरुष और 6 महिलाएं हैं। सेकेंड फेज की 26 सीटों में से 15 सीटें सेंट्रल कश्मीर और 11 सीटें जम्मू की हैं। सबसे अधिक सीट 8 श्रीनगर में और सबसे कम 2 सीटें गांदरबल जिले की हैं। इनके अलावा बड़गाम और राजौरी की 5-5, रियासी और पुंछ की 3-3 सीटों पर भी मतदान होगा। इनमें वैष्णो देवी सीट पर जंग काफी रोचक और कांटे की रहने वाली है। इस चुनाव में कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है और 25.78 लाख मतदाता अपने मत से इन सभी के भाग्य का फैसला करने वाले हैं।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) इस फेज की सभी 26 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। गठबंधन में चुनाव लड़ रहे नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 20 जबकि कांग्रेस ने 6 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। बीजेपी के 17 जबकि 98 निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं। राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। जम्मू कश्मीर में 18 सितंबर को मतदान के पहले चरण में 7 जिलों की 24 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था। इस दौरान औसतन 61।38% मतदान हुआ। किश्तवाड़ में सबसे ज्यादा 80।20% और पुलवामा में सबसे कम 46।99% वोटिंग हुई थी।
इन दिग्गजों की साख दाव पर :-
उमर के सामने अपनों की चुनौती :-
गांदरबल विधानसभा अब्दुल्ला परिवार का गढ़ रहा है। इस बार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला गांदरबल से चुनाव लड़ रहे हैं। इसी सीट से 2008 में जीत दर्ज करने के बाद उमर राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। उनके खिलाफ जेल में बंद सरजन अहमद वागे उर्फ आजादी चाचा मैदान में हैं। वागे बुरहान वानी की मौत के बाद भड़काउ भाषणों के चलते सुर्खियों में आए थे। उमर को अपनों से भी चुनौती मिल रही है। पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन से नाराज साहिल फारूक ने गांदरबल अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर निर्दलीय ताल ठोकी है। यहां पार्टी के कुछ वोटर का उनकी तरफ झुकाव उमर पर भारी पड़ सकता है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के युवा नेता बशीर अहमर मीर और 2014 में NC के टिकट पर गांदरबल से चुनाव जीतने वाले शेख इश्फाक जेकेयूएम से चुनाव लड़ रहे हैं।
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उमर के लिए सेफ सीट है बड़गाम :-
1962 में अस्तित्व में आई बडगाम विधानसभा सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) का दबदबा रहा है। पिछले 10 विधानसभा चुनावों में सिर्फ एक बार ऐसा हुआ है जब NC को हार का सामना करना पड़ा है। उमर अब्दुल्ला इस सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं। सीट पर 8 प्रत्याशी मैदान में है लेकिन मुख्य मुकाबला उमर अब्दुल्ला और JKPDP कैंडिडेट आगा सैयद मुंतजिर मेहदी के बीच है। आगा परिवार कश्मीर के तीन प्रमुख शिया मौलवी परिवारों में से एक है। मोसावी का कश्मीर के बड़गाम जिले में धार्मिक और राजनीतिक प्रभाव है। बड़गाम विधानसभा में 30 से 33 हजार वोटर शिया हैं जो जिले की आबादी का करीब 35 प्रतिशत है। हालांकि बडगाम को उमर के लिए एक सेफ सीट कहा जा रहा है।
बुद्धल में चाचा-भतीजा में जंग :-
जम्मू के पीर पंजाल इलाके में राजौरी जिले के बुद्धल विधानसभा सीट पर चाचा और भतीजा के बीच मुकाबला है। यह विधानसभा सीट परिसीमन के बाद आधार पर बनी है। इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जावेद इकबाल चौधरी और पीडीपी के गुफ्तार अहमद चौधरी आमने सामने हैं। गुफ्तार चौधरी चेहरा और युवाओं में लोकप्रिय हैं। बीजेपी ने इस सीट से पूर्व मंत्री एवं दो बार के विधायक चौधरी जुल्फिकार अली को टिकट दिया है। जुल्फिकार 2008 एवं 2014 में पीडीपी के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। बीजेपी में शामिल होने से पहले पार्टी उपाध्यक्ष भी रहे।
नौशेरा में पुराने प्रतिद्बंद्वी आमने-सामने :-
नौशेरा विधानसभा परंपरागत रूप से कांग्रेस का गढ़ रहा है। 1962 से 2002 तक लगातार आठ बार जीत हासिल करने के बाद 2008 के चुनावों में यह सीट नेशनल कॉन्फ्रेंस के खाते में गयी। 2014 में पहली बार बीजेपी के उम्मीदवार रविंदर रैना ने 9,503 वोटों के अंतर से नौशेरा सीट पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने तत्कालीन तत्कालीन PDP उम्मीदवार सुरेंद्र चौधरी को हराया था। बीजेपी ने रैना पर फिर से भरोसा जताया है जबकि रविंदर रैना इस बार NC से चुनावी मैदान में हैं। पीडीपी ने एडवोकेट हक नवाज चौधरी को टिकट दिया है।
वैष्णो देवी में बीजेपी-कांग्रेस में टक्कर :-
जम्मू में वोटर्स के लिहाज से ये सबसे छोटी विस सीट है। यहां केवल 55,618 वोटर्स हैं लेकिन मुकाबला कांटे का है। श्रीमाता वैष्णो देवी क्षेत्र पहले जम्मू की रियासी विधानसभा सीट का हिस्सा हुआ करता था। 2022 में परिसीमन के बाद नई सीट श्रीमाता वैष्णो देवी बनी। रियासी का हिस्सा रहते हुए 2014 और 2008 का विधानसभा चुनाव बीजेपी ने जीता था। इस सीट पर पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं। रियासी से पिछले दो विधानसभा चुनाव जीतने वाली बलदेव राज शर्मा को बीजेपी ने फिर से मौका दिया है। कांग्रेस के उम्मीदवार भूपेंद्र सिंह हैं। वहीं पिछले दो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट रहे जुगल किशोर इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। बारीदार संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्याम सिंह को निर्दलीय मैदान में हैं। इस सीट पर करीब 15 हजार बारीदार वोटर्स हैं। ऐसे में मुकाबला रोचक और करीबी होने की पूरी पूरी संभावना है।