महिला दिवस स्पेशल- समुद्री लहरों से खेलने वाली टीम तारिणी, जिन्होंने तय किया सारा जहां
- भारतीय नौसेना की सदस्य हैं सभी 6 महिला अफसर, समुद्र के रास्ते लगाया दुनिया का चक्कर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ साहसिक कारनामा
NewsBreatheTeam. आज है महिला दिवस यानी महिलाओं का दिन. सभी महिलाओं को इस दिवस की बहुुुत बहुत शुभकामनाएं. महिला दिवस विशेस में हम बताने जा रहे हैं साहसिक कारनामों से जुड़ी नारी शक्ति के बारे में. यूं तो नारी शक्ति का हर काम ही साहसिक होता है लेकिन भारतीय नौसेना की छह महिला अफसरों की टीम ने वो कर दिखाया जिससे न केवल विश्वभर में इनका नाम हुआ, साथ ही साथ इनके कारनामों को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया है. हम बात कर रहे हैं टीम तारिणी (INVS Tarini Team) की, जिन्होंने समुद्र के रास्ते दुनिया भर का चक्कर लगाने का कारनामा कर दिखाया है.
10 सितंबर, 2017 को देश में ही निर्मित 56 फीट लंबे जहाज आईएनएसवी तारिणी में सवार होकर इन महिला अफसरों ने 254 दिनों (करीब 8 महिने) तक सागर परिक्रमा की थी. इस टीम में कुल्लू की लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जम्वाल भी शामिल रही हैं.
कैप्टन दलीप दोंदे की प्रशिक्षित टीम में लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी की अगुवाई में लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जम्वाल, लेफ्टिनेंट कमांडर पी स्वाति, लेफ्टिनेंट ऐश्वर्या बोडापत्ति, लेफ्टिनेंट एस विजया देवी और लेफ्टिनेंट पायल गुप्ता शामिल थीं. करीब 10 माह के लंबे अंतराल और 21600 नॉटिकल मील की दूरी तय करके पांच देशों में जाकर दो बार भूमध्य रेखा को पार किया.
इसके अलावा तीन महासागर की लहरों से जूझकर महा केप लेउविन, हॉर्न व गुड़हॉप से गुजरकर समुद्री तूफान का सामना कर जांबाज महिलाएं 21 मई, 2018 को स्वदेश लौटीं. इस दौरान टीम का पड़ाव ऑस्ट्रेलिया के फ्रेमंटल, न्यूजीलैंड के लीटलीटोन, फॉकलैंड के पोर्ट स्टेनली, दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन और मॉरीशस रहा. इस अभियान को नाविका सागर परिक्रमा नाम दिया गया है.
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भारतीय महिला दल के इस साहसिक कारनामें और मिशन तारिणी की सफलता पर भारत सरकार के युवा कार्यक्रम व खेल मंत्रालय की ओर से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों टीम तारिणी को तेंजिन नोरगे एडवेंचर सम्मान मिल चुका है. 8 मार्च, 2018 को महिला दिवस पर महामहीम ने महिला सशक्तीकरण सम्मान से भी टीम को नवाजा.
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात कार्यक्रम में टीम की हौसला आफजाई कर चुके हैं. इतना ही नहीं, समुद्र की लहरों से खेलने के बाद यह टीम 19 मई, 2018 को जब गोवा पहुंची, तो तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद उनका स्वागत किया. निर्मला सीतारमण ने ही 10 सितंबर, 2017 को आइएनएस तारिणी को गोवा से झंडी दिखाकर इस ऐतिहासिक यात्रा के लिए रवाना किया था. इस अभियान में पांच चरणों में यह दूरी तय की गई थी.
दुनिया की पहली जल यात्रा है जिसमें चालक दल सहित सभी सदस्य महिलाएं थीं. समुद्री प्रदूषण के आंकड़ों को जुटाने और मौसम की बेहतर भविष्यवाणी के लिए समुद्री तरंगों का डाटा जुटाने के मिशन को निकली टीम तारिणी ने समुद्री लहरों के कई खौफनाक मंजर भी देखे.