झारखंड में ‘वन मैन आर्मी’ बने हेमंत सोरेन, बड़े भाई के निधन ने खोले राजनीति के द्वार
झारखंड की ड्राइविंग सीट पर हेमंत सोरेन, सरयू की धार में बह गए रघुबर दास
पॉलिटॉक्स ब्यूरो. झारखंड में महागठबंधन को विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत मिला है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) गठबंधन को 81 में से 47 जीतें मिली. इस जीत का सेहरा बंधा झारखंड में ‘वन मैन आर्मी’ बनकर उभरे झामुमो के चीफ हेमंत सोरेन के सिर पर जिनके 27 दिसंबर को मोरबड़ी ग्राउंड में मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए जाने की उम्मीद है.
हेमंत सोरेन की पूरी जिंदगी किसी फिल्मी सफरनामे से कम नहीं है. आज झारखंड की राजनीति को शीर्ष पर पहुंचाने वाले हेमंत सोरेन एक राजनीतिक परिपाठी वाले परिवार के सदस्य होने के बावजूद उनकी पहली पसंद राजनीति नहीं बल्कि मैकेनिकल इंजीनियर बनने की थी. उन्होंने बीआईटी, मेसरा में एडमिशन भी लिया लेकिन अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर उन्हें राजनीति के जंगी मैदान में कूदना पड़ा.