हरितालिका तीज महोत्सव में नेपाली समाज की महिलाओं ने बिखेरी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुपम छटा

हरितालिका तीज (Haritalika Teej) नेपाली समाज की महिलाओं का प्रमुख त्यौहार है. इस दिन नेपाल में महिलाओं की तरफ से भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इसी परम्परा को कायम रखते हुए हर साल की भांति इस साल भी जयपुर में 2 सितम्बर (सोमवार) को नेपाली महिलाओं ने मूल प्रवाह अखिल नेपाली एकता समाज नगर समिति जयपुर उत्तर व दक्षिण के बैनर तले हरितालिका तीज महोत्सव का आयोजन करते हुए भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के द्वारा विदेश में रहकर भी अपने देश की संस्कृति को जीवित रखने का संदेश दिया.

राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाईड भवन, रामनिवास बाग जयपुर में संपन्न हुए उक्त कार्यक्रम में शहरभर से सैंकड़ों की संख्या में नेपाली महिलाएं एकत्र हुईं. जयपुर के ​विभिन्न इलाकों से नेपाली वेशभूषा में सजकर आई महिलाओं ने अपने—अपने ग्रुप बनाकर रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का मंचन किया. साथ ही अपनी कला और संस्कृति के संरक्षण, भक्ति भावना का विकास, समाज में व्याप्त कुरीतियों का अंत और नेपाली समाज को विकास की दिशा में आगे बढ़ने का आव्हान किया.

इस मौके पर मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज के केंद्रीय सदस्य नारायण भार्मा, मोहन गिरी, महिला विभाग की सदस्या हुमा रजाली, सांस्कृतिक विभाग के सचिव रिम राना सहित अन्य अतिथिगणों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

केंद्रीय सदस्य मोहन गिरी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज के दिन पूरे भारत भर में करीब 300 जगहों पर हरितालिका तीज का आयोजन किया जा रहा है. संगठन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि नेपाल समुदाय की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए मूल प्रवाह अखिल नेपाली एकता समाज पिछले 40 वर्षों से क्रियाशील है. गिरी ने बताया कि नेपाल की मौजूदा सरकार दलाल, तस्कर और ​माफियाओं के चंगुल में फंस गयी है और भारत में रह रहे नेपाली नागरिकों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है. ऐसे परिवेश में संपूर्ण नेपाली समाज को अपने हक, अधिकार और देश की सार्वभौमिकता की रक्षा के लिए एकजुट होना पड़ेगा.

कार्यक्रम के आखिरी पड़ाव में उत्कृष्ट अंकों से उत्तीर्ण होने वाले नेपाली छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया.

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