रणवीर सिंह का अब तक का सबसे शानदार किरदार है गली बॉय-फिल्म समीक्षा

फिल्म: गली बॉय
निर्माता : रितेश सिधवानी, ज़ोया अख्तर, फरहान अख्तर
निर्देशक : ज़ोया अख्तर
कलाकार : रणवीर‍ सिंह, आलिया भट्ट, सिद्धांत चतुर्वेदी, विजय राज, विजय वर्मा, शीबा चड्ढा, कल्कि कोचलिन

साधारण कहानी और उसके किरदार को कैसे शानदार तरीके से निभाया जाता है, उसका सीधा साधा उत्तर एक ही है, वह है रणवीर सिंह की फिल्म गली बॉय। फिल्म निर्माता जोया अख्तर से जिस तरह रणवीर से यह किरदार कराया है, इसके लिए उनकी भी तारीफ करनी जरूरी है। ‘अपना टाइम आएगा’ डायलॉग आज सभी युवाओं की ज़ुबान पर है। इस फिल्म में आज की बेसिक नीड रोटी, कपड़ा और मकान के साथ इंटरनेट को भी बताया गया है। गली बॉय में यही बताया गया है कि कैसे एक मामूली लड़का इंटरनेट की दुनिया से पॉपुलर हो जाता है।

ज़ोया की फिल्म गली बॉय एक ‘अंडरडॉग’ की कहानी है जो पूरी तरह मुराद (रणवीर सिंह) के इर्दगिर्द घूमती है जो मुंबई स्थित धारावी में रहता है। उसके पिता (विजय राज) ड्राईवर हैं जो किसी तरह अपने बड़े परिवार का खर्चा चलाते हुए मुराद को पढ़ा-लिखा रहे हैं। मुराद रैपर बनना चाहता है और परिवार से छिपकर अपना शौक पूरा करता है। सफीना (आलिया भट्ट) मुराद की गर्लफ्रेंड है। आलिया का किरदार छोटा है लेकिन जो भी किया है, अपने किरदार को जिया है। फिल्म में मुराद को एमसी शेर (सिद्धांत चतुर्वेदी) और स्काय (कल्कि कोचलिन) जैसे दोस्तों का साथ मिलता है और वो ऐसी दुनिया में पहुंच जाता है जिसका सपना उसने कभी देखा था। इसके पहले उसके रास्ते में कई रूकावट आती हैं। फिल्म में ​कुछ रियल सीन फिल्माएं गए हैं जो बनावटी नहीं लगते। एमसी शेर का किरदार फिल्म पर गहरा असर छोड़ता है पर कल्कि के पास फिल्म में करने लायक कुछ भी नहीं था।

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ज़ोया अख्तर का निर्देशन शानदार है। रैपर्स के मुकाबले वाले सीन उम्दा हैं और इनकी लाइनें बहुत अच्छी लिखी गई हैं। जावेद अख्तर ने मुराद की लाइनें लिखी हैं जो कमाल की हैं। विजय मौर्या के संवाद तारीफ के काबिल हैं और कई जगह गहरे अर्थ लिए हुए हैं। फिल्म बीच में थोड़ी बोझिल सी हो जाती है लेकिन फिल्म का अंत जिस तरह रैप सॉन्ग से किया है, उसमें फिल्म की सारी कमी छिप गई है। कुल मिलाकर फिल्म एक बार तो देखनी बनती है।

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