अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली के आगे नतमस्तक और असहाय है गहलोत सरकार- राजेंद्र राठौड
- वन्यजीवों के संरक्षण और हिरण शिकार मामले को लेकर राजेंद्र राठौड ने जताई चिंता, वन एवं पर्यावरण मंत्री के पुत्र द्वारा धरना प्रदर्शन को लेकर बोले उपनेता प्रतिपक्ष- वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर बिल्कुल भी सजग नहीं है वन विभाग और सरकार
NewsBreatheTeam. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड ने वक्तव्य जारी कर कहा है कि बाड़मेर के शिव क्षेत्र में चर्चित हिरण शिकार मामले को लेकर वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्रोई के पुत्र डॉ. भूपेन्द्र बिश्रोई द्वारा सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए वन विभाग के दोषी अधिकारी व कर्मचारी को सजा नहीं दिलवा पाने की बात पर दुःख व शर्मिंदगी प्रकट करना और धरना-प्रदर्शन करना वन मंत्री व उनके विभाग की लचर कार्यशैली को उजागर करता है।
राजेंद्र राठौड ने कहा कि वन्यजीवों का शिकारियों द्वारा खुलेआम शिकार करना वन विभाग की गहरी अकर्मण्यता को दर्शाता है। कई मामलों में वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की संलिप्तता होने के बावजूद उन पर सख्त कार्रवाई नहीं होना विभाग के लचर रवैये का स्पष्ट संकेत है।
राठौड़ ने कहा कि प्रदेश के वन्यजीव अभ्यारण्यों में शिकार को लेकर वन्यजीव प्रेमियों और आमजन का राज्य सरकार के प्रति गहरा रोष है। अवैध शिकारियों के गिरोह की नजर वन्यजीवों पर है। यह गिरोह वन्यजीवों को मारकर उनकी खाल व अवशेष का कारोबार कर रहे हैं लेकिन वन विभाग का खुफिया तंत्र इन गिरोह की गतिविधियों के सामने फेल साबित हो रहा है।
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राजेंद्र राठौड ने कहा कि राज्य में वन्यजीव बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है और शिकारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। वन्यजीवों की सुरक्षा अब केवल भगवान भरोसे ही है। वहीं अकर्मण्य वन विभाग का ध्यान केवल अवैध शिकार में लिप्त अपराधियों से साठगांठ कर अपनी जेबें भरने में है।
उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा कि वन मंत्री के पुत्र का अपने ही पिता व विभाग के उदासीन रवैये को लेकर शर्मिंदगी जाहिर करते हुए दुःख प्रकट करना इस बात का प्रमाण है कि राज्य सरकार और वन विभाग वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर बिल्कुल भी सजग नहीं है तथा अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली के आगे नतमस्तक और असहाय है।