गैस सिलेंडर 4 माह में 175 रुपये महंगा, 10 रुपये घटे तो क्रेडिट लेने आ पहुंचे भक्त शिरोमणी

  • 10 रुपये घटाए लेकिन कॉमर्शियल गैस सिलेंडर पर 20 रुपये बढ़ाकर कर ली भरपाई, पेट्रोल डीजल पर भी छाया हुआ है चुनावी रंग, वरना कीमत 100 के पार होती

NewsBreatheTeam. भारत में तेल कंपनियों ने घरेलू और कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दामों में एक बार फिर बदलाव किया है. इस बार सभी की उम्मीदों के उलट दाम बढ़ाने की जगह कम किए गए हैं. घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में 10 रुपये घटाए हैं, वहीं कॉमर्शियल सिलेंडर पर 20 रुपये बढ़ाकर घटाए गए दामों की भरपाई कर ली गई है. ये भी सर्वविदित है कि दिसम्बर से लेकर अब तक पिछले चार माह में घरेलू गैस सिलेंडर 175 रुपये महंगा हुआ है जिसका भुगतान जनता कर रही है. उस समय जब विरोध के सुर निकले तो पार्टी विशेष के भक्त शिरोमणी जुबानी नेताओं ने विकास, आर्मी और पता नहीं क्या क्या गोल गोल बातें कर जनता को घुमाने की कोशिश की लेकिन हद तो तब हो गई जब मात्र 10 रुपये दाम कम करने का क्रेडिट लेने ये नेता जनता तक पहुंच गए.

अब इन भक्त शिरोमणियों के पास जब दाम बढ़ाने को लेकर सवाल पूछे जाते हैं तो इन्हें विकास, पाक पर एयर स्ट्राइक, आर्मी को मजबूत बनाने जैसी बाते आ जाती है. ये बेशर्म होकर अपने इन परवचनों का गुणगान भी कर देते हैं फिर चाहें बात गैस सिलेंडर की हो या फिर पेट्रोल डीजल की या फिर घरेलू सामान की, और जब बात दाम घटाने की आए, फिर चाहें 10 रुपये की क्यों न हो, इन भक्तों का बखान किया जाना तो बिलकुल लाजमी है.

काबिलेगौर है कि कोरोना संकट के दौरान एक दिसम्बर को गैस सिलेंडर का दाम 648 रुपये था. उसके बाद एक जनवरी को 50 रुपये बढ़ाकर 698 रुपये कर दिया गया. चार फरवरी को 25 रुपये और महज 20 दिन में क्रमश: 50 और 25 रुपये बढ़ाए गए. एक मार्च को एक बार फिर ​घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में 25 रुपये बढाए तो कॉमर्शियल गैस सिलेंडर 95 रुपये महंगा हुआ. नए बदलाव के बाद घरेलू गैस सिलेंडर 823 रुपये से घटकर 813 रुपये हुआ है और कॉमर्शियल सिलेंडर 1625 रुपये से बढ़कर 1650.50 रुपये हो गया है. यहां ये बताना भी जरूरी है कि बीते कुछ महीनों से सिलेेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी पूरी तरह बंद हो चुकी है और इस महीने भी मिलने का दूर दूर तक कोई चांस नहीं है.

ऐसा ही कुछ हाल पेट्रोल डीजल का रहा. जब तेल प्रति बैरल की दर पर इतिहास के सबसे निचले पायदान पर था, तब सरकार ने कम दामों पर तेल खरीदकर जनता को महंगे दामों पर बेचा और जमकर जेबे भरीं. जब दाम बढ़ाने का नंबर आता तो प्रतिदिन 52 पैसे की दर से दाम बढ़ाए जाते और जब घटाने का नंबर आता तो 8 और 10 पैसे घटाए जाते. अगर दाम 25 बार बढें तो केवल 4 से 5 घटाए.

हद तो तब हो गई जब कुछ भक्तों की फेसबुक पोस्ट पर ध्यान गया, जहां लिखा था कि सस्ता पेट्रोल 80 रुपये और महंगा 100 रुपये. इस हिसाब से 30 दिन का पेट्रोल 600 रुपये और केवल 600 रुपये के लिए प्रधानमंत्री थोड़ी बदल देंगे. बढ़िया हिसाब है लेकिन आपके दैनिक जीवन में काम आने वाले लोग जैसे दूध वाला, सब्जी वाला, पेपर वाला, प्रेस वाला, होम डिलीवरी वाला, अगर इन सभी के खर्चों में 600 रुपये जोड़ दिए जाएं तो यही हिसाब 3000 रुपये महिना बन जाता है. खैर छोड़िए, हम कौनसा भक्तों की बात दिल पर लिए बैठे हैं.

अब वे भक्त शिरोमणी ये कहकर सरकार को वाहवाही लुटवा रहे हैं कि जनता का दर्द जानकर पिछले 15 से 20 दिनों से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए नहीं गए जबकि पूरा देश और भोली भाली जनता भी ये जानती है कि ये सरकार की दरियादिली नहीं बल्कि पांच राज्यों में हो रहे चुनाव का खेल है. ठीक ऐसा ही खेल बिहार में भी खेला गया था जब एक महीने के लिए सभी चीजों के दाम स्थित कर दिए गए थे. अब क्या करें, भक्तों को छोड़ दिया जाए तो ये पब्लिक है जो सब जानती है, ये पब्लिक है.

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कोरोना के संकट काल में सरकार ने तो लॉकडाउन लगाकर और वोट न देने वाले एंव सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने वाले करोड़ों गरीबों को मुफ्त राशन देकर मुफ्तखोरी की आदत डाल दी लेकिन मध्यम वर्गीय व्यक्ति जो न किसी से लेना जानता है और न देना, उसे तो अपनी जॉब से भी हाथ धोना पड़ गया. गरीब तबका जिसे दोनों वक्त का मु्फ्त का खाना मिल रहा है, उसे न पेट्रोल डीजल की जरूरत पड़ी, न सिलेंडर की और न राशन की. पर ये मिडिल क्लास तबका कहां जाए जिसे सिलेंडर, तेल, राशन सभी की जरूरत है लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं.

हमारा तो यही कहना है कि उच्च भक्त शिरोमणी महाराज संबित पात्रा जैसे लोग जो टीवी डिबेट में गला फाड़ फाड़ कर सामने वालों की बोलती बंद करा देते हैं, वे कभी किसी मिडिल क्लास जो राजनीति जानता भी न हों, एक बार सिर्फ 10 मिनिट की डिबेट करके देखें. उनके भक्त और ये जनता इस बात की गवाह बनेंगी कि कैसे उसने पात्रा साहब के सभी पात्र खाली कर दिए. खैर जो भी हो, गैस सिलेंडर पर तो 10 रुपये कम करके भगवान ने भक्तों को मुंह मांगी मुराद दे ही दी समझो लेकिन कॉमर्शियल सिलेंडर का दाम जो 20 रुपये बढ़ाया है, उनके बारे में उन भक्त शिरोमणियों का क्या कहना है, इस बात का जवाब सुनने के लिए कान लगाए तैयार बैठे हैं.

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