ब्रह्मास्त्र पार्ट वन- शिवा रिव्यूः पटकथा कमजोर, धीमी रफ्तार, क्लाइमेक्स नहीं दमदार लेकिन…

फिल्म: ब्रह्मास्त्र पार्ट वनः शिवा
प्रमुख कलाकार: रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, अमिताभ बच्चन, नागार्जुन, मौनी राॅय, कैमियो रोल में शाहरुख खान

Brahmastra_flim_review_newsbreathe. रणबीर कपूर और आलिया भट्ट स्टारर फिल्म ब्रह्मास्त्र सिनेमाघरों में लग चुकी है। अयान मुखर्जी ने अपने इस प्रोजेक्ट के लिए 10 साल इंतजार किया है और उसके बाद इस पर काम किया है। उनकी ये मेहनत दिखती है लेकिन स्क्रीन पर वो थोड़ी दम तोड़ती दिखाई देती है। इस फिल्म को तीन पार्ट में दिखाया जाएगा जिसका अभी पहला पार्ट अस्त्रावर्स ही रिलीज हुआ है। पब्लिक रिव्यू की बात करें तो पटकथा थोड़ी सी कमजोर और फिल्म की रफ्तार धीमी है। फिल्म पूरी की पूरी हाॅलीवुड से इंस्पायर्ड है। वीएक्सएफ का जमकर इस्तेमाल हुआ है। फिल्म क्रिटिक्स ने इस फिल्म को सिर्फ दो स्टार दिए हैं लेकिन हिंदू मैथेलाॅजी पसंद करने वालों को ये फिल्म काफी पसंद आ रही है। इस फिल्म में शुरू से लेकर आखिर तक जिस तरह से हिंदू धर्म, देवी-देवताओं का गुणगान किया गया है। संस्कृत के श्लोकों के जरिए हिंदू माइथोलॉजी में वर्णित शस्त्रों की शक्ति बताई गई है।

करीब 8000 स्क्रीन पर रिलीज हुई इस फिल्म की पहले दिन की कमाई करीब 75 करोड़ रुपए है जो किसी भी तरह से कम नहीं है। हां, लेकिन ये जरुर है कि करीब 400 करोड़ में बनी और एक से बढ़कर एक सितारों से सजी ये फिल्म अपनी लागत निकाल पाए, इसकी संभावना थोडी कम ही दिखती है।

आज की युवा पीढी़ की भाषा में बनी ये फिल्म हिंदू माइथोलॉजी पर आधारित होते हुए भी उत्तम तकनीक के साथ उतनी ही आधुनिक भी है। ये फिल्म न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि हमारे गौरवशाली इतिहास को अनोखे अंदाज में पेश करती है। इस तरह की फिल्में बाॅलीवुड में न के बराबर बनती है। इस वजह से अयान के इस प्रयास को फुल माक्र्स हैं। फिल्म में कई सरप्राइज फैक्टर भी हैं- जैसे कि ब्रह्मांश के सदस्य वैज्ञानिक मोहन भार्गव के किरदार में शाहरुख खान, अनीस के किरदार में नागार्जुन, गुरू के किरदार में अमिताभ बच्चन और जुनून के निगेटिव रोल में मौनी रॉय की मौजूदगी। फिल्म में शाहरुख खान का कैमियो रोल फिल्म की असली जान कहा जाए तो गलत नहीं होगा। नागार्जुन का अभिनय भी कमाल का है।

क्या है कहानी

फिल्म ब्रह्मास्त्र की कहानी डीजे का काम करने वाले शिवा (रणबीर कपूर) की जिंदगी के इर्द-गर्द घूमती है। अपनी आतंरिक शक्तियों से अनजान शिवा अनाथ है। उसके माता-पिता कौन हैं, ये भी उसे नहीं पता। बस इतना याद रहता है कि एक आग में उसकी मां जल गई थीं लेकिन वो जिंदा बच गया था। वो एक अनाथालय में बच्चों के बीच रहते हुए अपनी जिंदगी जी रहा होता है। शिवा को अजीबो-गरीब सपने आते रहते हैंए जिसमें वो तमाम तरह की विचित्र घटनाएं देखता रहता है। दशहरा महोत्सव में शिवा की मुलाकात ईशा (आलिया भट्ट) से होती है। उसे देखते ही पहली नजर में उससे प्यार करने लगता है। अपने दिल की बात ईशा से कह देता है।

इसी बीच उसे सपना आता है कि एक शख्स की तीन लोगों ने मिलकर हत्या कर दी है। इसके बाद वो लोग वाराणसी में रहने वाले एक दूसरे शख्स की हत्या करने जाने वाले हैं। दशहरा पूजा के दौरान शिवा को अखबार में एक खबर दिखती है। उसे देखने के बाद शिवा को पता चलता है कि सपने में उसने जिस शख्स की हत्या की घटना देखी थी, वो देश के महान वैज्ञानिक मोहन भार्गव (शाहरुख खान) थे। इसके बाद तीनों हत्यारे अनीस (नागार्जुन) की हत्या करने के लिए वाराणसी जाने वाले हैं। शिवा और ईशा अनीस की जान बचाने के लिए वाराणसी जाते हैं। वहां उनकी मुलाकात जुनून (मौनी रॉय) से होती है जो कि ब्रह्मांश के सदस्यों की हत्या करके उनसे ब्रह्मास्त्र की तीन टुकड़े हासिल करना चाहती है। जुनून ये सब कुछ अपने मालिक ब्रह्मदेव के कहने पर करती है। शिवा और ईशा किसी तरह से अनीस को बचाकर ब्रह्मांश के गुरू (अमिताभ बच्चन) के पास जाने के लिए निकलते हैं। रास्ते में जुनून अपने साथियों के साथ हमला कर देती है। शिवा को ब्रह्मास्त्र का टुकड़ा देकर अनीस उनसे लड़ने लगता है। इस दौरान उसकी मौत हो जाती है। किसी तरह से शिवा और ईशा गुरुजी के पास पहुंचते हैं। इसके बाद ब्रह्मास्त्र को बचाने की मुहिम शुरू हो जाती है।

पहला पार्ट जिस दिलचस्प मोड़ पर आकर खत्म हुआ है, उसने अगले पार्ट के लिए बेसब्री बढ़ा दी है। फिल्म ब्रह्मास्त्र को तीन कड़ी में पेश किया जाना है। इसके पहले हिस्से ब्रह्मास्त्र पार्ट वन – शिवा में शिवा की कहानी पेश की गई है। अब दूसरे हिस्से में ब्रह्मदेव यानी देव की कहानी दिखाई जाएगी। यहां कुछ दमदार किरदार देखने को मिलेंगे, इस बात में कोई शक नहीं है। हां, ये जरुर है कि दूसरे पार्ट को समझने के लिए पहला पार्ट देखना जरुरी होगा।

जमी नहीं रणबीर और आलिया की केमेस्ट्री
रियल लाइफ में पति-पत्नी रणबीर और आलिया की पर्दे पर केमेस्ट्री जम नहीं पाई। यहां जवानी है दीवानी और श्टू स्टेस्ट्स जैसी फिल्मों के संवाद लेखक हुसैन दलाल के डायलाॅग थोड़े कमजोर थे और चूंकि पटकथा खुद अयान ने लिखी है, तो ये भी बेहतर हो सकती थी। हालांकि अयान मुखर्जी ने अपनी कल्पना के जरिए शस्त्रों का जो संसार रचा है, वो अद्भुत है। इसमें शिवा, अनीस, मोहन, गुरुजी और जुनून जैसे किरदार धार देने का काम करते हैं। यदि पटकथा और संवाद दुरुस्त होते तो यकीन कीजिए ये भारतीय सिनेमा की एक बेहतरीन फिल्म साबित हो सकती थी।

फिल्म में म्युजिक प्रीतम का है जबकि बैकग्राउंड स्कोर साइमन फ्रैंग्लेन ने दिया है। वैसे तो इसके गाने अच्छे हैं लेकिन जिस तरह की कहानी चल रही होती है, उसमें गाने खटकते हैं। कहानी और गानों के बीच कोई संबंध नजर नहीं आता है। एटिडिंग सख्त होनी चाहिए थी। इसमें प्रकाश कुरुप असफल साबित होते हैं। मैनू चढ़ गया डंास का भूत और केसरिया गाना पसंद किया जा रहा है। फिल्म की लेंथ भी कम हो सकती थी।

किरदारों ने किया पर्दे पर न्याय
फिल्म की स्टारकास्ट की परफॉर्में का जहां तक सवाल है, तो सभी ने बेहतरीन काम किया है। कई कलाकारों ने तो अपने-अपने किरदारों में चौंकाया है। इसमें अनीस के किरदार में साउथ के सुपरस्टार नागार्जुन और मोहन भार्गव के किरदार में अभिनेता शाहरुख खान का नाम लिया सकता है। दोनों का कैमियो रोल है लेकिन दोनों के बिना फिल्म अधूरी लगती।

शाहरुख ने अपने किरदार को जिस तरह से निभाया है, उसे शायद ही कोई दूसरा निभा पाता। फिल्म के शुरूआत में ही उनके सीन हैं, वो जितनी देर पर्दे पर दिखते हैं, छाए रहते हैं। इस उम्र में भी उन्होंने जिस तरह के एक्शन सीन किए हैं, उसे देखकर आंखे खुली रह जाती है। श्वानरास्त्र धारक मोहन भार्गव के किरदार में उन्होंने भले ही कैमियो किया है, लेकिन उनके किरदार के बिना फिल्म की कल्पना नहीं की जा सकती। अयान ने उनको सरप्राइज रखा था और वो वाकई में सरप्राइज पैकेज साबित हुए हैं।

नागार्जुन ने महज 10 मिनट के किरदार में समां बांध दिया। नंदी अस्त्र के रूप में जब उनकी आवाज गूंजती है, तो रोम-रोम रोमांचित हो जाता है। उनके किरदार को अधिक समय दिया जाना चाहिए था। गुरुजी के रोल में अमिताभ बच्चन दमदार लगे हैं। जुनून के किरदार में मौनी रॉय भी हैरान करती हैं। हालांकि माॅनी राय का किरदार एवेंजर्स सीरीज़ की स्कारलेट विच से प्रेरित दिखता है। उनके भाव और शक्ति प्रयोग का तरीका एक जैसा है।

शिवा के किरदार में रणबीर कपूर और ईशा किरदार में आलिया भट्ट ने भी अच्छा काम किया है, पर दोनों की केमेस्ट्री रील पर थोड़ी सी कमजोर दिखती है। मेहमान भूमिका में डिंपल कपाड़िया का रोल थोड़ा सा अधुरा है। शायद इसलिए कि अगले पार्ट में उनका महत्वपूर्ण रोल हो सकता है।

फिल्म देखें या न देखें
जिन लोगों को हिंदू माइथोलॉजी और सुपर हीरो वाली मूवि पसंद है, उन्हें इस फिल्म से निराशा नहीं होगी। एक्शन मूवी देखने वालों के लिए ये ठीक है लेकिन यहां एवेंजर्स सीरीज वाले एक्शन से काम चलाना होगा। क्रिएटिव व्यूवर्स को वीएक्सएफ में कमी लग सकती है। फिल्म क्रिटिक्स पहले ही इस फिल्म को दो स्टार दे चुके हैं। हालांकि न्यूज ब्रीथ की टीम इस बात से इंतफाक नहीं रखती है लेकिन फिल्म में कुछ कमियां तो जरुर है, फिर भी, ये इतनी भी नहीं हैं कि फिल्म को एक बार देखा न जा सके। इसके अगले दोनों पार्ट में सरपराइज पैकेज जरुर होना चाहिए। हमारी तरफ से फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार।