मकर संक्रांति: छतों पर गूंजा ‘वो काटा वो मारा’ का शोर

मकर संक्रांति: छतों पर गूंजा 'वो काटा वो मारा' का शोर (makar sankranti)
मकर संक्रांति: छतों पर गूंजा ‘वो काटा वो मारा’ का शोर (makar sankranti)

मकर संक्रांति का त्योहार पूरे देश में बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इस खास दिन पर आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से सज गया, और हर छत से ‘वो काटा! वो मारा!’ की गूंज सुनाई दी। पतंगबाजी इस त्योहार का सबसे रोमांचक हिस्सा है, जहां हर आयु वर्ग के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

पतंगबाजी का जोश

सुबह से ही लोग अपनी छतों पर एकत्रित होकर पतंग उड़ाने में व्यस्त हो गए। बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों के बीच एक अलग ही जोश और प्रतियोगिता का माहौल दिखा। जैसे ही कोई पतंग कटती, विजयी पक्ष से ‘वो काटा!’ का शोर गूंज उठता।

क्यों मनाया जाता है मकर संक्रांति का त्योहार, क्या आपको है पता?

सांस्कृतिक धरोहर

मकर संक्रांति को भारत में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार फसल कटाई के मौसम की शुरुआत और नई ऊर्जा का स्वागत करता है। विभिन्न राज्यों में इसे अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। जैसे:

  • गुजरात: उत्तरायण
  • पंजाब: लोहड़ी
  • तमिलनाडु: पोंगल
  • उत्तर प्रदेश और बिहार: खिचड़ी पर्व

तिल-गुड़ और पकवानों की मिठास

त्योहार पर तिल-गुड़ के लड्डू, खिचड़ी, और अन्य पारंपरिक व्यंजन तैयार किए गए। तिल-गुड़ को मिठास और रिश्तों की गर्माहट का प्रतीक माना जाता है। तिल और गुड़ को मकर संक्रांति के दिन खास तौर पर खाने और बांटने का रिवाज है। इसके पीछे मान्यता है कि तिल शरीर को गर्मी प्रदान करता है और ठंड के मौसम में सेहत के लिए लाभकारी होता है। वहीं, गुड़ ऊर्जा का स्रोत है और इसे मिठास का प्रतीक माना जाता है।

त्योहार का आनंद

गुजरात, राजस्थान, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पतंगबाजी के साथ संगीत, नृत्य और स्वादिष्ट खाने का आनंद लिया गया। लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस खास दिन को मनाने में व्यस्त रहे।

मकर संक्रांति न केवल एक त्योहार है, बल्कि यह लोगों को एक साथ लाने और खुशियां बांटने का एक शानदार अवसर भी है। पतंगों की उड़ान और ‘वो काटा!’ का शोर इस दिन की खास पहचान है।