दीनदयाल जाखड़ का ऐलान: कालख बांध में पानी नहीं आने तक रहूंगा नंगे पैर, 10 करोड़ की सहायता भी दी
कालख बांध भराव संघर्ष समिति के बैनर तले उमड़ा जनसैलाब, बांध में पानी की मांग को लेकर सभी एक जाजम के नीचे हुए एकजुट, टीम वंदे मातरम के संरक्षक एवं भारत नव निर्माण पार्टी के मुखिया दीनदयाल जाखड़ ने की 10 करोड़ रुपए देने की घोषणा
जयपुर। क्षेत्र की लाइफ लाइन कहे जाने वाले कालख बांध में नदी से नदी जोडो़ अभियान के अंतर्गत बांडी नदी को यमुना नदी से जोड़कर कालख बांध मे पानी लाने की मांग को लेकर रविवार को कालख बांध भराव संघर्ष समिति के बैनर तले विशाल जनसभा में जनसैलाब उमड़ पड़ा। जनसभा में बड़ी संख्या मे महिलाओं ने भी भागीदारी निभाई। जनसभा का उद्देश्य केन्द्र और राज्य सरकार का कालख बांध की ओर ध्यान आकर्षित करने का था। टीम वंदे मातरम के संरक्षक दीनदयाल जाखड़ ने बड़ी घोषणाएं करते हुए मांग नहीं माने जाने तक नंगे पैर रहने का संकल्प लिया।
जनसभा को संबोधित करते हुए टीम वंदे भारत के संयोजक एवं भारत नव निर्माण पार्टी के संरक्षक श्री दीन दयाल जाखड़।
उन्होंने कालख बांध भराव संघर्ष समिति को दस करोड़ रुपए का सहयोग करने की भी घोषणा की। बता दें कि क्षेत्र मे भयंकर तरीके से पानी की किल्लत है। कालख बांध मे पानी लाने के लिए सभी राजनैतिक पार्टियों के लोंग एक जाजम पर इकट्टा हुए। सभी ने मिलकर एक स्वर मे बात रखी है।
मोदी-गहलोत सरकार से मांग लेकिन नहीं दिया जा रहा ध्यान
कालख बांध में पानी लाने की मांग को लेकर महिलाओं ने कालख से लेकर कालख बांध तक कलश यात्रा निकाली। यमुना नदी से लाए हुए जल को विधि-विधान के द्धारा कालख बांध मे विसर्जित किया गया। क्षेत्र के लोंग काफी समय से केन्द्र और राज्य दोंनो सरकारों से कालख बांध मे पानी लाने की मांग कर रहे है।
पानी की समस्या का स्थाई समाधान आपस में नदियों और बांधो को जोड़ने से ही सम्भव है। बरसात के दिनों मे गंगा-यमुना नदी उफान पर रहती है। चम्बल नदी इटावा मे जाकर यमुना नदी मे मिल जाती है और यमुना नदी प्रयागराज मे जाकर गंगा नदी मे मिल जाती है। इसके कारण उत्तरप्रदेश और बिहार में हर साल बाढ़ आती है। अंत मे ये पानी पश्चिम बंगाल (कोलकत्ता) में जाकर बंगाल की खाड़ी समुद्र में मिल जाता है जो किसी काम का नही रहता।
भारत नवनिर्माण पार्टी के ‘नदी से नदी जोड़ो’ अभियान को मिल रहा भरपूर जनसमर्थन
स्थानीय किसान केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों से मांग कर रहे है जो राज्य बाढ़ से ग्रसित होते है उनके पानी को सूखे से ग्रसित राज्यों की ओर मोड़ा जाए। यूपी एवं बिहार के लोग बाढ़ से दुखी है जबकि यहां के लोग सूखे से ग्रसित है। इस साल भी दिल्ली में बाढ़ आने के कारण काफी नुकसान हुआ था। कालख बांध का पानी नहर के माध्यम से दूदू-फागी तहसीलों से होता हुआ रेनवाल मांजी तक जाता था। बांध मे पानी नही होने के कारण क्षेत्र का जल-स्तर का काफी नीचे चला गया है।
ये लोग रहे मौजूद
कलश यात्रा और जनरैली के दौरान दीनदयाल जाखड़, छोटूराम कुमावत, जिला परिषद पेमाराम सेपट, हीरानंद कटारिया, कालख पूर्व सरपंच नानगराम यादव, महावीर शास्त्री, कालख सरपंच शारदा सेपट, रविन्द्र कुमार यादव, ओमप्रकाश जोशी, रामचरण कुडावत, मोहनलाल धुधांरिया, सुनिल कुमावत, झुथाराम गौरा, पी़.एस. तोमर, राजेश रोलानिया, नारायण हरितवाल, मोहन रोलानिया, रामनारायण निठारवाल, गोपाल झाझडा, बंशीधर यादव, गोपाल झाझडा, दुर्गालाल कुमावत एवं ओमप्रकाश जोशी सहित सैंकड़ों लोग मौजूद रहे।