क्या है बीटिंग रिट्रीट? क्यों मनाया जाता है ये आयोजन

NewsBreathe. बीटिंग रिट्रीट सप्ताह भर चलने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का प्रतीक है। इस दौरान राष्ट्रपति सेनाओं को अपनी बैरकों में लौटने की इजाजत देते हैं। इसी के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो जाता है। बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत भारत में 1950 के दशक में हुई थी। पहले ये 24 जनवरी से शुरू होता था, लेकिन 2022 से यह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती यानी 23 जनवरी से मनाया जा रहा है। इस बार सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई जा रही है।

शनिवार को बीटिंग रिट्रीट (beating-retreat-ceremony) के साथ 73वें गणतंत्र दिवस का समापन हुआ। इस समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। समारोह सेरेमनी में पहली बार लता मंगेशकर का गाया गीत ऐ मेरे वतन के लोगों भी बजाया गया। इसे 1963 में कवि प्रदीप ने लिखा था।

शाम 5 बजे समारोह (beating-retreat-ceremony) की शुरुआत हुई, जिसके लिए 46 घुड़सवारों के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का काफिला राष्ट्रपति भवन से विजय चौक पहुंचा। राष्ट्रपति के स्वागत के लिए पीएम मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सबसे पहले पहुंचे। इनके अलावा आर्मी चीफ एमएम नरवणे, नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार और एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी मौजूद रहे।

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में पहली बार गूंजी ‘ऐ मेरे वतन के लोगों…’ की धुन

बीटिंग रिट्रीट (beating-retreat-ceremony) के लिए 26 धुनों की लिस्ट बनाई गई। समारोह की शुरुआत बिगुल पर फैनफेयर गीत के साथ हुई। इनमें ‘केरल’, ‘हिन्द की सेना’ और ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ की धुन को मुख्य तौर पर शामिल किया गया।