राजस्थान में कंपाती शीत-कहर, 6 जिलों में पारा माइनस से नीचे
राजस्थान में सर्दी का सितम आम आदमी के लिए परेशानी का कारण बन गया है। पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवाओं से तापमान में बड़ी गिरावट आई है। इसकी वजह से प्रदेश के छह जिलों में तापमान माइनस में चला गया है। वहीं, मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान में अगले 48 घंटों में सर्दी का सितम और बढ़ने की संभावना है।
शीतलहर चलने और गलनभरी सर्दी के कारण सीकर, चूरू, चित्तौड़गढ़ (KVK), माउंट आबू, फतेहपुर, जयपुर के जोबनेर में पारा माइनस में चला गया। इस साल पहली बार ऐसा हुआ जब फतेहपुर के अलावा चार और जगहों पर पारा जीरो से नीचे चला गया। शेखावाटी अंचल, हिल स्टेशन माउंट आबू, जयपुर समेत कई जगह खुले इलाकों में बर्फ जम गई। वहीं, बीती रात सबसे कम तापमान फतेहपुर में माइनस 5.2 दर्ज किया गया, जो इतिहास में अब तक का सबसे कम है।
जयपुर के जोबनेर में खेतों में सिंचाई के लिए लगे पानी के पाइपों में से पानी की जगह बर्फ के टुकड़े निकले। सांभर लेक में बहु कुछ ऐसी तरह का आलम देखा गया।
सीकर के फतेहपुर शेखावाटी में घरों के बाहर खुले में बर्तनों में रखा पानी जम गया। वहीं, जैसलमेर में खेतों में लगे पाइप से निकला पानी भी जम गया।
बीती रात चूरू में माइनस 2.6, माउंट आबू में माइनस 1 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। आबू में सुबह 9 बजे तक मैदानों में बर्फ जमी नजर आई। यहां अमूमन पारा 0 के बाद एक-एक डिग्री की गिरावट के साथ माइनस में जाता है। माउंट आबू के मैदानों में और नक्की झील के किनारे बर्फ परत जमी नजर आई। इसके अलावा पिलानी, हनुमानगढ़, नागौर, भीलवाड़ा में तापमान 0 से 1 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज हुआ।
फतेहपुर एग्रीकल्चर कॉलेज के डीन प्रो. शीशराम ढाका ने बताया कि तापमान 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने के बाद सब्जियों की फसलों में पाला पड़ना शुरू हो जाता है। टमाटर, बैंगन, मिर्ची, गोभी जल्दी नष्ट होने की वाली फसलें है। रबी की फसल जैसे गेहूं, सरसों, चना, अलसी, जीरा, धनिया, आदि पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। इसे रोकने के लिए गंधक के तेजाब का 0.1 फीसदी मिलाकर उसका छिड़काव करना चाहिए।