‘हम तो प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, मौका तो मिले’
NewsBreathe/Rajasthan. शायद ही कोई ऐसा हो, जिसके मुंह पर ये तकिया कलाम न रहता हो. गर बात करें राजनीति की तो ये सबके मुख पर तो नहीं लेकिन दिलों में जरूर रहता है. लेकिन कहते हैं न कि कभी न कभी दिल की बात जुंबा पर आ ही जाती है. ऐसा ही कुछ हुआ बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक वाजिब अली के साथ, जिन्होंने अपने मन की बात बताते हुए कहा कि हम तो प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, मौका तो मिले. हमें कोई हड़बड़ी नहीं है. दरअसल उन्होंने ये बात गहलोत सरकार में मंत्रीमंडल विस्तार पर कही थी और उदाहरण देते हुए अपने मन की बात मीडिया के सामने कही.
दरअसल बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों का मंत्री बनने का सपना अब तक सपना ही बना हुआ है जबकि चुनाव होने में अब केवल दो साल का समय शेष है लेकिन मंत्रीमंडल में फेरबदल नहीं हुआ है. पिछले दिनों चार विधायक नाराज होकर दिल्ली गए थे, जिन्हें बाद में सीएम अशोक गहलोत ने फोन करके मनाया था. हालांकि नाराजगी दूर हो गई है लेकिन मंत्री पद की दावेदारी बरकरार है.
इस मौके पर विधायक वाजिब अली ने कहा कि मंत्री कौन नहीं बनना चाहता. हम तो प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, मौका तो मिले. मंत्री बनने के सवाल पर अली ने कहा कि हमें कोई हड़बड़ी नहीं है. मुख्यमंत्री यह बेहतर तरीके से जानते हैं. जिस दिन उचित समझेंगे मंत्रिमंडल विस्तार कर देंगे. जिस तरह की परिस्थितियों में सरकार चल रही है, वह सबके सामने है. हमारी प्राथमिकताएं जो हैं, उन्हें सरकार पूरा कर रही है.
उन्होंने ये भी कहा कि अब हम हाथी में नहीं पंजे में हैं. पंजे से अब अलग करने के लिए तो उंगली ही काटनी पड़ेगी. सब उंगलियां बराबर नहीं होती, लेकिन सबका अलग अलग काम होता है. सब एकजुट हैं.
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बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायक पिछले दो साल से मंत्री बनने का इंतजार कर रहे हैं. छह विधायकों ने सितंबर 2019 में बसपा से कांग्रेस में विलय किया था, तब से वे सरकार में भागीदारी का इंतजार कर रहे हैं.
बसपा ने पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों को दल बदल कानून के तहत अयोग्य ठहराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा रखी है. उस याचिका पर सुनवाई अब फाइनल स्टेज पर है. सुप्रीम कोर्ट ने इन विधायकों से 25 अक्टूबर से पहले जवाब देने को कहा है. इन विधायकों के जवाब के बाद सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा.