जानिए – भारतीय जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी के जीवन के कुछ अनकहे पहलू

  • पत्रकारिता में मिल चुका पुलित्जर पुरस्कार जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी को, तालिबान-सुरक्षा बल फायरिंग में चली गई जान

NewsBreathe. भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की अफगानिस्तान के कंधार में कवरेज के दौरान गोली लगने से जान चली गई. दानिश अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रायटर्स से जुड़े हुए थे और अफगानिस्तान की ताजा गतिविधियों को लेकर कवरेज के लिए कुछ दिनों से वहीं पर थे. सिद्दीकी इस सप्ताह के शुरू से ही कंधार के दक्षिणी प्रांत में स्थित अफगान विशेष बलों के साथ एक पत्रकार के रूप में जुड़े हुए थे और अफगान कमांडो और तालिबान लड़ाकों के बीच लड़ाई पर रिपोर्टिंग कर रहे थे. अफगानिस्तान में लगातार हालात बिगड़ रहे हैं और जगह-जगह हिंसा हो रही है. इसी दौरान तालिबान और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष को कवर करते हुए दानिश सिद्दीकी की शुक्रवार को जान चली गई.

जानकारी के मुताबिक अफगान विशेष बल स्पिन बोल्डक के मुख्य बाजार क्षेत्र पर फिर से कब्जा करने के लिए लड़ रहे थे. झड़प की रिपोर्टिंग करते वक्त छर्रे लगने से सिद्दीकी घायल हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई. पुलित्ज़र अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके दानिश सिद्दीकी की गिनती दुनिया के बेहतरीन फोटो जर्नलिस्ट में होती थी.

भारतीय मीडिया से शुरु की पत्रकारिता

दानिश सिद्दीकी का जन्म 1980 में हुआ था। उनके पिता अख्तर सिद्दीकी जामिया के पूर्व प्रोफेसर और एनसीटीई के पूर्व डायरेक्टर थे। दानिश ने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत भारतीय मीडिया जगत के साथ की थी। वो देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्कों में से एक के साथ संवाददाता थे। वैसे तो वो मुंबई के रहने वाले थे, लेकिन उन्होंने स्नातक की डिग्री दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लाामिया यूनिवर्सिटी से हासिल की। यहां से उन्होंने इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद, 2007 में मास कम्युकनिकेशन का कोर्स भी यहीं से किया था। करियर की शुरुआत दानिश ने एक टीवी पत्रकार के तौर पर की थी, लेकिन बाद में उन्होंने फोटो जर्नलिस्ट के रूप में खुद को मजबूती के साथ तैयार किया, इस दौरान वो कई इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स के साथ जुड़े रहे।

2018 में पुलित्जर से हुए सम्मानित

दानिश पुलित्जर पुरस्कार विजेता फोटो जर्नलिस्ट थे, ये पुरस्कार पत्रकारिता के क्षेत्र में उच्च प्रदर्शन को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है। जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी और उनके सहयोगी अदनान आबिदी ने 2018 में रोहिंग्या शरणार्थी संकट कवर करने के लिए फीचर फोटोग्राफी के लिए पुलित्जर पुरस्कार दिया गया था। दानिश को संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड, चीन और भारत में विभिन्न फोटो जर्नलिज्म पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है। वो भारत में अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स पिक्चर्स मल्टीमीडिया टीम के प्रमुख थे।

ख्याती प्राप्त फोटो जर्नलिस्ट

एक फोटो जर्नलिस्ट के रूप में, दानिश ने एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप में कई महत्वपूर्ण कहानियों को कवर किया है। उनके कुछ कार्यों में अफगानिस्तान और इराक में युद्ध, रोहिंग्या शरणार्थियों का संकट, हांगकांग विरोध, नेपाल भूकंप, उत्तर कोरिया में सामूहिक खेल और स्विट्जरलैंड में शरण चाहने वालों की रहने की स्थिति शामिल है। उन्होंने इंग्लैंड में धर्मान्तरित मुस्लिमों पर एक फोटो श्रृंखला भी तैयार की है।

काम को मिली उच्चस्तरीय पहचान

जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी का काम व्यापक रूप से पत्रिकाओं, समाचार पत्रों, स्लाइड शो और फोटो गैलरी में प्रकाशित हुआ है। जिसमें नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका, न्यूयॉर्क टाइम्स, द गार्जियन, द वाशिंगटन पोस्ट, वॉल स्ट्रीट जर्नल, टाइम मैगज़ीन, फोर्ब्स, न्यूज़वीक, एनपीआर, बीबीसी, सीएनएन, अल जज़ीरा, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट, द स्ट्रेट्स टाइम्स, बैंकॉक पोस्ट, सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड, द एलए टाइम्स, बोस्टन ग्लोब, द ग्लोब एंड मेल, ले फिगारो, ले मोंडे, डेर स्पीगल, स्टर्न, बर्लिनर ज़ितुंग, द इंडिपेंडेंट, द टेलीग्राफ, गल्फ न्यूज, लिबरेशन और कई अन्य प्रकाशन शामिल हैं।