Happy Birthday Yuvraj: ‘सिक्सर किंग’ युवराज सिंह मना रहे 39वां जन्मदिन, ऐसे रिकॉर्ड बनाए कोई आसपास भी नहीं फटक सका
- सबसे कम गेंदों पर फिफ्टी बनाने का रिकॉर्ड है युवराज के नाम, मस्तीखोरी के लिए जाने जाते हैं युवी, कैंसर से जुझते हुए देश को वर्ल्डकप दिलाया था युवराज ने, रहे थे मैन आफ द सीरीज, शादी में घोडी की जगह बाइक पर हुए थे सवार
NewsBreatheTeam. भारतीय टीम के पूर्व आलराउंडर और सिक्सर किंग युवराज सिंह (Yuvraj Singh) आज अपना 39वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं. हालांकि किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए युवराज ने अपना जन्मदिन मनाने से मना कर दिया. भारतीय क्रिकेट टीम के प्रिंस युवराज सिंह क्रिकेट जगत में एक ऐसा नाम है जो कि तारीफ का मोहताज नहीं है. युवराज एक ऐसी शख्सियत है जो अपनी बल्लेबाजी और मस्तमोला छवि से दर्शको के दिलो पर राज करते है. बॉलर्स के कच्छे उतारने से लेकर बनियान पहनकर मैच देखने का स्वैग केवल युवराज का ही हो सकता है. जून 2019 में युवराज ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया.
बात करें युवराज के क्रिकेट करियर की तो अपने 14 साल के क्रिकेट में 304 वनडे मैच में 8701 रन बनाने के साथ 14 शतक और 52 फिफ्टी जमाई है. युवराज ने 58 टी20 मैच भी खेले हैं और 58 मैचों में 117 रन बनाए हैं. 40 टेस्ट मैच में 1900 रन बनाए जिनमें तीन शतक और 11 फिफ्टी हैं. आईपीएल के 132 मैचों में 2750 रन बनाए हैं. युवराज के नाम आईपीएल में दो बार सबसे अधिक कीमत पर फ्रेंनचाईजी द्वारा खरीदे जाने का रिकॉर्ड भी है. उन्हें एक बार 16 करोड और दूसरी बार 18 करोड रुपये में खरीदा गया था.
कम ही लोग जानते हैं कि बचपन में युवी क्रिकेट नहीं खेलना चाहते थे बल्कि वे टेनिस और रोलर स्केटिंग करना पसंद करते थे. यहाँ तक की वे रोलर स्केटिंग में अंडर 14 प्लेयर भी रह चुके है. लेकिन पिता को यह बिलकुल भी पसंद नहीं था. उन्होंने युवराज के सारे मैडल फेक दिए और उन्हें क्रिकेट खेलने और अपना पूरा ध्यान उसी पर लगाने के कड़े निर्देश दे दिए. इसके बाद तो यह पंजाब का पुत्तर रुका नहीं और आज क्रिकेट जगत का इतना बड़ा सितारा है.
कपिल देव के बाद देश का सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर इरफान पठान
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद भी युवराज अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं. उनकी पहचान एक एक बेहतरीन मैच फिनिशर की रही है जिन्होंने सौरव गांगुली की कप्तानी में करियर की शुरुआत करते हुए कई मैचों में टीम इंडिया की नैय्या पार लगाई है. उनके खेल के प्रति जुनून का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2011 का विश्व कप उन्होंने कैंसर से जूझते हुए खेला और मैन ऑफ द सीरीज बने. इसके बाद कैंसर को मात देकर दोबारा टीम में वापसी की. उनके नाम टी20 अंतर्राष्ट्रीय में सबसे तेज फिफ्टी लगाने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. उन्होंने 2007 टी20 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ 12 गेंदों में अर्धशतक जड़ा था.
युवराज ने अपने पहले वनडे मैच से ही क्रिकेट प्रेमियों को अपना मुरीद बना लिया था. साल 2000 में नैरोबी में आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 130 रन पर चार विकेट गंवाकर संकट में थी. इस मैच में 18 वर्षीय युवराज पहली बार वनडे मैच में बल्लेबाजी करने उतरे थे. उन्होंने 80 गेंदों में 84 रन बनाकर भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह पारी इसलिए खास है क्योंकि उन्होंने ग्लैन मैक्ग्रा और ब्रेट ली जैसे गेंदबाजों के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी की. इस मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 20 रन से शिकस्त दी.
छह गेंद में छह छक्कों ने बनाया सिक्सर किंग
युवराज एक मस्तीखोर क्रिकेटर है, साथ ही उन्हें गुस्सा भी बहुत आता है- उनके गुस्से का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2007 के टी20 वर्ल्डकप में एंड्रयू फ्लिंटॉफ से उनका किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया और इसका खामियाज इंग्लैंड के एक अन्य बॉलर स्टुअर्ड ब्रॉड को भुगतना पड़ा. और युवराज ने ब्रॉड की गेंद पर 6 गेंदों पर 6 छक्के लगा कर एक नया रिकॉर्ड बना दिया.
भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ पहले बल्लेबाजी कर रही थी और स्कोर 3 विकेट के नुकसान पर 159 रन था. इसके बाद युवराज जैसे ही मैदान पर आते हैं उनकी एंड्रयू फ्लिंटॉफ के साथ नोंक झोंक हो गई. अगले ओवर में युवा स्टुअर्ट ब्रॉड गेंदबाजी के लिए आए और युवराज उनकी किसी गेंद को नहीं बख्शा और मैदान के चारों ओर उनकी छह गेंदो में छह छक्के जड़ने का अनोखा कारनामा कर दिखाया. इस पारी के दौरान उन्होंने महज 12 गेंदो में अर्धशतक जड़ा. उन्होंने 16 गेंदों की अपनी पारी में 7 छक्कों और तीन चौकों की मदद से 58 रन बनाए.
शादी में घोडी की जगह बाइक पर सवार हुए युवी
अगर बात करे युवराज के निजी जीवन की तो युवराज का जन्म 12 दिसंबर 1981 में पंजाब के चंडीगढ़ में हुआ थाण् बचपन से युवराज एक नटखट बच्चे थे. वे कुछ पंजाबी फिल्मो में बतौर बाल कलाकार काम भी कर चुके है. युवराज के माता पिता उनके बचपन में भी अलग हो गए थे. पिता योगराज सिंह ने दूसरी शादी कर ली थी. युवराज अपनी मां शबनम के साथ ही रहते थे लेकिन उनके पिता ने युवराज का कभी साथ नहीं छोड़ा और उन्हें एक क्रिकेटर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. युवराज की शादी बॉलीवुड अभिनेत्री हेजल कीच से हुई है. उनकी शादी एक बार पंजाबी रीतिरिवाजो से चंडीगढ़ में हुई तो वही दूसरी बार हिन्दू रीतिरिवाजो से गोवा में. अपनी शादी में भी युवी ने अपना स्वैग नहीं छोडा और घोड़े पर सवार न होते हुए बाइक पर सवार हुए.