सरकार के डराने से डरेंगे नहीं भाजपा नेता और कार्यकर्ता- सतीश पूनिया
भाजपा विधायकों-कार्यकर्ताओं पर मुक़दमे दर्ज कर विपक्ष की आवाज़ को दबाना चाहती है कांग्रेस सरकार
न्यूज़ ब्रीथ टीम। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भाजपा के विधायकों और कार्यकर्ताओं पर दर्ज किए मुक़दमों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की सरकार विपक्ष की आवाज़ को दबाना चाहती है पर सरकार के ड़राने से भाजपा के नेता -कार्यकर्ता डरेंगे नहीं। पूनिया ने कहा की कोरोना संक्रमित क्षेत्रों में लाकडाउन का पालन करवाने में विफ़ल सरकार, जनता की आवाज उठाने वाले विपक्ष के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं पर बदले की कार्यवाही कर रही है।
पूनिया ने कहा की सारा देश जानता है की तबलिगी जमात के कारण भारत में कोरोना का संक्रमण तेज़ी से फेला, राजस्थान में जो मामले सामने आ रहे है, उनमें ज़्यादातर जमात से जुड़े या उनके सम्पर्क में आयें लोग है। अगर विधायक मदन दिलावर ने जमातियों के सच को उजागर किया तो उनके ऊपर मुक़दमा दर्ज कर लिया।
विधायक अशोक लाहोटी ने एक समुदाय विशेष के संक्रमित लोगों को मिल रहे वीआईपी ट्रीटमेंट के बारे में कहा तो उन पर मुक़दमा दर्ज हो गया। विधायक सुरेश रावत ने अपने विधायक कोष से स्वीकृत राहत सामग्री का वितरण किया तो उनके ऊपर लाकडाउन के उल्लंघन का आरोप लगा कर नोटिस दे दिया जबकि चित्तोड़गढ में 4 दिन पहले सत्तारूढ़ पार्टी के एक विधायक को लाक़डाउन का उल्लंघन करने पर रोकने वाली महिला अधिकारी का सरकार ने तबादला कर दिया।
कल झालावाड़ में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे प्रमोद शर्मा, अस्पताल में घुस कर डाक्टर को धमकाते रहे पर उन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। सरकार के दोहरे चरित्र का ये सबसे बड़ा उदाहरण है।
कांग्रेसी विधायकों और मंत्रियों के इशारों पर अजमेर, दौसा, उदयपुर, कोटा, गंगानगर, बाड़मेर और जोधपुर में सरकार के भेदभाव और तबलिगी जमात के ख़िलाफ़ बोलने पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर मुक़दमे दर्ज किए गए है। कुछ जगह तो कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार भी किया गया है।
भीलवाडा की झूठी वाही वाही लूटने वाली सरकार कोटा, भरतपुर, टोंक रामगंज के बाद जोधपुर में बोट बैंक के चक्कर में कट्टरपंथियों के सामने घुटने टेकते हुए नजर आ रही है जोधपुर में कलेक्टर 12 अप्रेल को BSF और CRPF की मांग करता है और सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए कलेक्टर पर दबाब डालकर पत्र वापस करवा लेती है। हालात का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री के खुद के विधानसभा क्षेत्र के तीन तीन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है।
एक संभावना जताई जा रही है कि यदि सही आँकडे उजागर किये जांए तो अकेले सरदारपुरा में भी 100 से ज्यादा संक्रमित मिलेंगे लेकिन सरकार रामगंज और कोटा की तर्ज पर यहां भी आंकडे छुपा रही है क्योंकि सर्वाधिक लाकडाउन का उल्लघन भी यहीं हो रहा है जिसके चलते हालात बिगड रहे हैं और इसी वजह से कलेक्टर ने CRPF BSF की मांग की है।
पूनिया ने कहा कि भाजपा विपक्ष की अपनी ज़िम्मेदारी को बखूबी निभा रही है। पूरे प्रदेश में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता बिना किसी की जाति-धर्म देखे सेवा और राहत के कामों में लगें है पर सरकार, जनता का धर्म देखकर राशन, भोजन बाँट रही है। स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी जो की अपनी ज़िंदगी दांव पर लगा कर इस ख़तरनाक वायरस से हमें बचा रहे है, उनके ऊपर हमले होते है और आकंठ तक तुष्टिकरण में डुबी सरकार ऐसे अपराधियों पर सख़्त कार्यवाही नहीं करती है और कोई विपक्ष का जनप्रतिनिधि उसकी पोल खोलता है तो उस पर मुक़दमा दर्ज कर लिया जाता है।
कोरोना से निपटने में विफल होने पर नाकामी छुपाने और राजनैतिक विद्वेष के जरिए सरकार विधायकों और कार्यकर्ताओं पर बेवजह मुकदमें दर्ज करके डराने की नाकाम कोशिश कर रही है।