कोरोना लॉकडाउन में मजदूरों के लिए वरदान साबित होगी अन्नपूर्णा योजना: राजेंद्र राठौड़

उपनेता प्रतिपक्ष ने लिखा सीएम गहलोत को पत्र, अन्नपूर्णा योजना को अस्थाई फिर से शुरु करने की मांग, योजना में बेहद कम दरों पर मिलता था नाश्ता और खाना

न्यूज़ ब्रीथ टीम। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने अन्नपूर्णा योजना को अस्थाई तौर पर फिर से शुरु करने की मांग की है. इसे लेकर राठौड़ ने सीएम अशोक गहलोत को एक पत्र भी लिखा. अन्नपूर्णा योजना में गरीब लोगों के लिए 5 रुपये में नाश्ता और 8 रुपये में भोजन की सुविधा उपलब्ध कराया जाता था. इस योजना को पिछली वसुंधरा राजे की बीजेपी सरकार ने शुरु किया था. फिलहाल के लिए ये योजना बंद है. बीजेपी नेता ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन में अन्नपूर्णा योजना मजदूरों के लिए वरदान साबित हो सकती है.

गौरतलब है कि इस समय देश और प्रदेश में कोरोना वायरस का संकट चल रहा है. देशभर में कोरोना पॉजिटिव के 905 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, वहीं 21 लोगों की इस महामारी की चपेट में आकर मौत हो चुकी है. प्रदेश में कोरोना के संक्रमण में आकर दो लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 52 संक्रमित हैं. केंद्र और राज्य सरकार ने लोगों से घरों में रहने और सोशल डिस्टेन्सिंग बनाने को कहा है

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मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना (कोविड-19) के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगा हुआ है. लॉकडाउन की वजह से दिहाड़ी मजदूरों व बड़ी संख्या में ठेला, रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट पालने वाले गरीबों को खाने की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे समय में अन्नपूर्णा योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हो सकेगी.

राठौड़ ने सीएम गहलोत को सुझाव देते हुए कहा है कि अत्यंत गरीब वर्ग के व्यक्तियों एवं दैनिक मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करने वालों के लिए एक बार पुनः अन्नपूर्णा रसोई योजना प्रारंभ कर दी जाये ताकि जरूरतमंदों को बेहद सस्ती दरों पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध हो सके. चूंकि इसे राज्य सरकार द्वारा अन्नपूर्णा योजना को बंद किये जाने के निर्णय के समय संबंधित एजेन्सी (संस्था) के पास संपूर्ण आधारभूत संरचनाएं यथा वाहन, भोजन तैयार की रसोई और स्टाफ उपलब्ध है जिसे तदर्थ रूप से प्रारंभ करने में एजेन्सी (संस्था) को ज्यादा समस्या भी नहीं होगी. यदि इसे अस्थाई/स्थाई रूप से पुनः शुरु कर दिया जाये तो संकट की इस घड़ी में गरीब मजदूरों को सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण भोजन मिलने से बड़ी राहत मिल सकेगी.

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