स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे लाखों अभ्यर्थियों की उम्मीदों को लगा झटका
प्रथम श्रेणी स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाने के लिए महीनेभर से आंदोलन कर रहे लाखों अभ्यर्थियों की उम्मीदों को कड़ा झटका तब लगा जब राजस्थान सरकार ने उनकी बात मानने से साफ मना कर दिया. मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई सीएम अशोक गहलोत की शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और RPSC अधिकारियों के साथ हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि उक्त परीक्षा तय समय पर ही आयोजित कराई जाएगी. वहीं सरकार ने आश्वासन देते हुए सितंबर में तीन हजार पदों के लिए स्कूल व्याख्याता और तृतीय श्रेणी अध्यापकों के 31 हजार पदों को भरने के लिए 2 अगस्त, 2020 को आगामी रीट परीक्षा आयोजित कराने की बात कही.
सरकार के नई भर्तियां निकालने के फैसले के बाद बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ.किरोड़ी लाल मीणा ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने 3000 स्कूल व्याख्याता और 31000 रीट की भर्ती का प्रावधान रखा परंतु छात्रों की सरकार के इस निर्णय से जैसी प्रतिक्रिया रहेगी, मैं उस प्रतिक्रिया के साथ खड़ा रहूंगा’. किरोड़ी ने ये भी कहा कि यदि वर्तमान और नई भर्तियों को मिलाकर इनकी परीक्षा सितंबर माह में आयोजित कराए तो स्वागत योग्य कदम रहेगा. हालांकि सरकार के अंतिम निर्णय के बाद इस मांग को कोई औचित्य नहीं रह जाता.
इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने फेसबुक पेज और ट्वीटर पर जानकारी शेयर करते हुए लिखा कि बैठक में तय किया गया है विगत 2 वर्षों से अध्ययनरत लाखों अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए तथा जुलाई 2020 से प्रारम्भ होने वाले नए शैक्षिणिक सत्र में रिक्त पदों पर व्याख्याता उपलब्ध हो सकें. इसके लिए वर्तमान में चल रही पांच हजार पदों की व्याख्याता भर्ती परीक्षा-2018 का आयोजन नियत तिथि पर ही किया जाए.
यह भी निर्णय किया गया कि आगामी सितम्बर माह में नवीन व्याख्याता भर्ती परीक्षा आयोजित करने के लिए शीघ्र प्रक्रिया प्रारम्भ की जाए, इससे वर्तमान सत्र में अध्ययनरत छात्र भी नई भर्ती के लिए पात्र हो पाएंगे. इसके लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग से चर्चा करने पर आयोग ने माह सितम्बर 2020 में इस परीक्षा के लिए अपनी सहमति प्रदान दी है.
बैठक में यह भी तय किया गया कि तृतीय श्रेणी अध्यापकों के 31 हजार पदों को भरने के लिए 2 अगस्त 2020 को आगामी रीट परीक्षा आयोजित की जाए, इससे बेरोजगार आशार्थियों को रोजगार के पर्याप्त अवसर मिलेंगे. जनजाति उपयोजना क्षेत्र (टीएसपी) के अभ्यर्थियों की मांग को दृष्टिगत रखते हुए इनमें से 6,080 पद टीएसपी क्षेत्र के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रहेंगे.
बता दें, व्याख्याता भर्ती परीक्षा की तिथि आगे बढाने की मांग को लेकर पिछले 10 दिन से राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर हजारों अभ्यर्थियों हाड कंपकपाने वाली ठंड में भी खुले आसमान के नीचे अनशन पर बैठे थे. बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ.किरोडी लाल मीना इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे.
इस मुद्दे पर डॉ.मीना ने सोमवार को सीएम गहलोत से मुलाकात की और मंगलवार को भी मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री से मिलने पहुंचे. इस दौरान छात्रों का प्रतिनिधि मंडल भी उनके साथ मौजूद रहा. इससे पहले शनिवार को कुछ महिला अभ्यर्थी परीक्षा तिथि आगे बढ़ाने की मांग पर जगतपुरा स्थित एक पानी की टंकी पर चढ़ गईं और नीचे कूदने व आत्मदाह की धमकी देने लगी. रविवार देर रात डॉ.किरोडी के आश्वासन पर वे नीचे उतरीं. डॉ.किरोडी इससे पहले राज्यपाल कलराज मिश्र से इस संबंध में मुलाकात कर ज्ञापन सौंप चुके हैं. वे सितम्बर माह में इस परीक्षा का आयोजन कराने की मांग कर रहे हैं.
रविवार रात भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर अभ्यर्थियों को समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि पहले भी हमने अभ्यर्थियों की मांग को देखते हुए दो बार तिथि को आगे बढ़ाया है. सरकार आगे और भी भर्तियां निकाल सकती है.
परीक्षा तिथि आगे बढ़ाने को लेकर कुछ छात्र आमरण अनशन भी कर रहे थे जिनमें से कुछ की हालात गंभीर है और वे सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती हैं. गौरतलब है कि डॉ.किरोडी ने मांग न मानने पर सरकार को जगतपुरा सीबीआई फाटक पर 25 से 30000 की छात्रों की भीड़ के साथ रेल रोको आंदोलन शुरु करने की धमकी दी थी. हालांकि अब ऐसा लग रहा है कि सरकार के रूख और नई भर्तियों के निकाले जाने की खबर के बाद आंदोलन कमजोर पड़ गया और इसी के साथ छात्रों का धरना भी.