महाराष्ट्रः भाजपा ने उठाया परिवारवाद का मुद्दा लेकिन यहां तो चुनाव ही परिवारों का है…

आमतौर पर भारतीय जनता पार्टी को वंशवाद का विरोधी बताया जाता है. कई जगहों पर उनकी ये बात सही भी साबित होती है. हाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी महाराष्ट्र के सांगली में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए परिवारवाद का मुद्दा उठाया. अमित शाह ने कहा कि प्रदेश में एक ओर भाजपा और शिवसेना पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस-एनसीपी तो परिवारवादी पार्टियां हैं.दरअसल उनका सीधा निशाना राहुल-प्रियंका गांधी और शरद पवार-अजित पवार पर था. अब अमित शाह ने ये बयान क्या सोचकर दिया, ये तो पता नहीं लेकिन लेकिन महाराष्ट्र के मामले में किसी भी तरह से ये बात ठीक नहीं है.

सच तो ये है कि महाराष्ट्र में पूरा विधानसभा चुनाव ही परिवारों का दंगल है.शुरुआत करते हैं षिवसेना से. महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कई दशक से एक धुरी बने रहे बाल ठाकरे के परिवार से सियासी जमीन पर सक्रिय भूमिका नहीं निभाई. ठाकरे परिवार से आज तक कोई भी चुनावी मैदान में नहीं उतरा लेकिन षिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने बेटे आदित्य ठाकरे को इस बार वर्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में उतार इस परंपरा को तोड़ दिया.

चुनावी रणनीति में ठाकरे परिवार का उतरना महाराष्ट्र की राजनीति का एक नया अध्याय है. आदित्य का अपनी सीट से एक तरफा मुकाबला बताया जा रहा है. अगर भाजपा और शिवसेना प्रदेश में फिर से सत्ता में लौटती है तो आदित्य ठाकरे का उप मुख्यमंत्री बनना तय है.

अब बात करते हैं भाजपा की तो यहां गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे चुनाव लड़ रही हैं. उनकी बहिन प्रीतम मुंडे पहले से ही सांसद है. इस बार कद्दवार नेता एकनाथ खड़से को टिकट नहीं देना चर्चा में रहा लेकिन भाजपा ने इसकी भरपाई करते हुए उनकी बेटी रोहिणी खड़से को इसी सीट से टिकट थमा दिया. खड़से की बहु रक्षा पहले से सांसद है. शिवसेना से निकल भाजपा में शामिल हुए नाराण राणे के बेटे नीतेश राणे को भी टिकट मिला है.

भाजपा की तरह कांग्रेस और एनसीपी में भी कई नेताओं के बेटे-बेटियों को चुनाव लड़ाया जा रहा है. बात करें एनसीपी की तो यहां पार्टी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार जो हाल में राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर चुके थे, एक बार फिर मैदान में हैं. उनके साथ ही शरद पवार के पोते रोहित पवार को भी टिकट मिला है. शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले पहले से सांसद है.

कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत विलासराव देशमुख के दो बेटों को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में टिकट मिला है. देशमुख के बड़े बेटे अमित को लातूर शहरी सीट और धीरज को लातूर ग्रामीण सीट से टिकट दिया गया है. अमित देशमुख पहले से ही विधायक हैं. पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणिति शिंदे फिर से शोलापुर सीट से चुनाव लड़ रही हैं.

चारों मुख्य पार्टियों के अलावा अन्य पार्टियों में भी वंषवाद की लंबी कड़िया मजबूती से जुड़ी हुई हैं.बहुजन विकास अधाड़ी के नेता हितेंद्र ठाकुर और उनके दोनों बेटे विरार और नालासोपारा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. इनके अलावा भी कई राजनीतिक परिवारों के सदस्य महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

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