पहली राष्ट्रीय ग्रेपलिंग प्रतियोगिता में राजस्थान का दबदबा, 42 पदक जीते
- 1st नेशनल ग्रेपलिंग चेंपियनशिप का दिल्ली में हुआ आयोजन, खिलाड़ियों का गांव लौटने पर भव्य स्वागत, कमेटी सचिव महेश कुमावत ने दी बधाई
दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में 20 से 22 अक्टूबर तक आयोजित हुई तीन दिवसीय 1st नेशनल ग्रेपलिंग चेंपियनशिप में राजस्थान का दबदबा रहा. पहली राष्ट्रीय ग्रेपलिंग प्रतियोगिता में प्रदेश के 112 खिलाड़ियों ने भाग लिया जिसमें 6 स्वर्ण पदक सहित कुल 42 पदक प्रदेश की झोली में आए. प्रतियोगिता के बाद घर लौटने पर गणमान्य जन और गांव निवासियों ने सभी बच्चों का भव्य स्वागत किया.
इससे पहले भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण, ग्रेपलिंग कमेटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष दिनेश कपूर, सचिव विनोद शर्मा एवं जगविंदर पंचांग आदि ने सभी विजेता खिलाड़ियों को पदक पहनाकर सम्मानित किया.
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ग्रेपलिंग कमेटी ऑफ राजस्थान के सचिव महेश कुमावत ने जानकारी देते हुए बताया कि कुश्ती प्रतियोगिता में राजस्थान के 112 खिलाड़ियों ने भाग लिया जिन्होंने पूरे भारत में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए कुल 42 पदक जीते. राजस्थान के खिलाड़ियों ने 6 स्वर्ण, 17 रजत और 19 कांस्य पदक पर कब्जा जमाया. इन सभी बच्चों ने पदक के साथ अपने गांव और प्रदेश का नाम देशभर में रोशन किया है.
पदकों के विजेता..
स्वर्ण पदक – पायल कुमावत, आदित्य कुमावत, किरण वर्मा, तुलसीराम प्रजापति, लता व सीमा दास.
रजत पदक – रानी कुमावत, लोसिका बागड़ी, श्रुति, हनी नोखा, शिवकरण, शेर सिंह, ट्विंकल, खुशबू डांगी, इशिका, नीलम कुमावत, निलेश कुमावत, राधिका मीणा एवं धीरज कुमावत.
कांस्य पदक – दिलीप कुमावत, कनिष्का बागड़ी, रिया कुमावत, दीपिका कुमावत, मनीषा कुमावत, नितेश कुमावत एवं पिंकी मयंक झा.
घर लौटने पर जोरदार स्वागत
सभी पदक विजेता खिलाड़ियों कक राजस्थान पहुंचने पर अलग-अलग जिलों में सम्मानित किया गया. जोबनेर वाले खिलाड़ियों के शहर में पहुंचने पर सभी खिलाड़ियों को नगर पालिका अध्यक्ष मंजू सिंघी, उपाध्यक्ष छितरमल कुमावत, नगर पालिका मंडल अध्यक्ष अमित जैन, सांवरमल कुमावत, धीरज सिंह, मौसम चौधरी, रामस्वरूप कुमावत, नानूराम कुमावत, श्रवण लाल कुमावत, गोवर्धन कुमावत, सीमा देवी, मूलचंद मंडीवाल, जगदीश प्रसाद कुमावत, राजेश दायमा, हेमलता शर्मा, रेनु कुमावत, मनीष कुमावत, शंकर लाल बागड़ी, सत्यनारायण कुमावत, भागचंद जी बबेरवाल सुवालाल बबेरवाल, नाथूराम वर्मा व मदनलाल वर्मा आदि ने माला पहनाकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया.